नयी दिल्ली / पटना : केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार सरकार से कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) और प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) दोनों योजनाओं के लाभार्थियों की सूची के अंतर को जल्द दूर करे. उक्त दोनों योजनाओं के माध्यम से गरीबों को कोविड-19 संकट के दौरान खाद्यान्न राहत प्रदान की जाती है.
रामविलास पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार को खाद्यान्न आवंटन के लिए सौंपी गयी राज्य की सूची में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लगभग 14.04 लाख लाभार्थी और पीएमजीएवाई के तहत 6.67 लाख लाभार्थी राज्य सूची में अद्यतन नहीं किये गये हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि ‘लॉकडाऊन’ के दौरान गरीब लोग भूखे ना रहें, केंद्र सरकार पीएमजीएवाई के तहत तीन महीने के लिए प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न और एक किलो दाल प्रति परिवार उपलब्ध करा रहा है. यह एनएफएसए के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिये सस्ती दर पर दिये जानेवाले खाद्यान्न के अतिरिक्त उपलब्ध करायी जा रही है.
पासवान ने कहा कि बिहार ने अब तक केंद्र सरकार को एनएफएसए के तहत केवल 8.57 करोड़ पीडीएस लाभार्थियों की सूची भेजी है, जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, लाभार्थियों की अनुमानित संख्या 8.71 करोड़ है. पासवान ने एक बयान में कहा, ”अभी तक एनएफएसए की सूची में 14.04 लाख लाभार्थियों का अंतराल है. हमने बिहार सरकार से जल्द से जल्द सूची उपलब्ध कराने को कहा है.”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये 8.57 करोड़ लाभार्थियों की सूची के अनुसार केंद्र एनएफएसए के तहत बिहार को पीडीएस खाद्यान्न आवंटित कर रहा है. उन्होंने कहा कि 30 मार्च को, लाभार्थियों की मौजूदा सूची के अनुसार, पीएमजीएवाई के तहत राज्य को लगभग 4.28 लाख टन चावल आवंटित किया गया था. हालांकि, राज्य सरकार ने तीन अप्रैल को 4.32 लाख टन चावल के अधिक आवंटन की मांग की, जिसमें 8.64 करोड़ के लाभार्थियों की अद्यतन सूची दी गयी थी.
पासवान ने कहा, ”पीएमजीएवाई के तहत अब भी 6.67 लाख लाभार्थियों का अंतर है.” मंत्री ने कहा कि इस खामी को दुरुस्त करने के बजाय, बिहार सरकार ने 28 अप्रैल को केंद्र से 2021 की आबादी के अनुसार पीडीएस खाद्यान्न आवंटित करने की मांग की. बिहार ने कहा कि वर्ष 2021 की आबादी के अनुमान के अनुसार राज्य में 10.31 करोड़ पीडीएस लाभार्थी होंगे. नये लाभार्थियों की मांग को पूरा करने के लिए केंद्र को 75,000 टन अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटित करना चाहिए. हालांकि, पासवान ने राज्य सरकार को सूचित किया कि इस संबंध में 2021 के आंकड़ों के प्रकाशन के बाद एनएफएसए की धारा नौ के तहत एक नीतिगत निर्णय लिया जायेगा.