बिहारियों के मुकाबले तमिल लोग ज्यादा होशियार होते हैं. बिहार के लोग तमिलनाडु में आकर स्थानीय लोगों की नौकरी छिन रहे हैं तमिलनाडु के नगर प्रशासन मंत्री और डीएमके नेता केएन नेहरू यह टिप्पणी बड़ा बवाल खड़ा कर सकती है.
पहले ही बिहार को लेकर निशिकांत दुबे पर की गयी टिप्पणी की चर्चा तेज है ऐसे में डीएमके नेता का यह बयान बड़ी परेशानियां खड़ी कर सकता है. पेगासस कथित जासूसी कांड को लेकर बनी संसदीय समिति में शामिल भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर उन्हें ‘बिहारी गुंडा’ कहने का आरोप लगाया था.
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डीएमके नेता का यह बयान पुराना है लेकिन इसे लेकर अब हंगामा हो रहा है 25 जुलाई को दिये अपने बयान में तिरुचिरापल्ली स्थित डीएमके कार्यालय से एक रोजगार कैंप को संबोधित कर रहे थे यही उन्होंने कहा, बिहार और उत्तर भारत के लोग तमिलनाडु में तमिलों की नौकरियां छीन रहे. वे बिना तमिल और अंग्रेजी जाने स्थानीय बैंकों और अन्य स्थानों पर काम कर रहे हैं. बिहार के लोग तमिलों से कम समझदार होते हैं.
इस दौरान उन्होंने बिहार के राजद प्रमुख लालू यादव का भी जिक्र किया और कहा कि जब वह रेल मंत्री थे तो उन्होंने रेलवे के निचले पदों पर बिहार के लोगों को सिर्फ भर दिया था. रेलवे में ज्यादातर गेटकीपर आज भी बिहार के मिलेंगे.
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डीएमके नेता ने कहा यह सब लालू यादव की वजह है. ये लोग न तो तमिल जानते हैं और न ही हिंदी. तमिल लोगों की तरह इनके पास दिमाग नहीं है इन सब के बावजूद भी वो तमिलनाडु में नौकरी कर रहे हैं. उनके इस बयान पर राजनीति तेज हो सकती है.