Loading election data...

बिलकिस बानो केस के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से एक और झटका, 21 जनवरी तक करना होगा सरेंडर

बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों को एक और झटका मिला है. दोषियों ने सरेंडर करने के लिए चार हफ्ते की मांग वाली एक अर्जी दाखिल की थी जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उसे खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को 21 जनवरी तक सरेंडर करने के लिए कहा है.

By Aditya kumar | January 19, 2024 1:25 PM
an image

Supreme Court On Bilkis Bano Case : बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों को एक और झटका मिला है. दोषियों ने सरेंडर करने के लिए चार हफ्ते की मांग वाली एक अर्जी दाखिल की थी जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उसे खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को 21 जनवरी तक सरेंडर करने के लिए कहा है. इसी के साथ उनकी मोहलत वाली अर्जी को खारिज कर दिया गया. कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी चार दोषी 21 जनवरी तक किसी भी स्थिति में सरेंडर करें. न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की अगुवाई वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाओं में योग्यता नहीं है और लोगों को रविवार तक जेल अधिकारियों को रिपोर्ट करने का आदेश दिया.

क्या थी दोषियों की अर्जी ?

जानकारी हो कि इस मामले के दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट से यह अर्जी की थी. उन्होंने कई याचिका डाले गए थे जो निम्न प्रकार से है.

  • दोषी गोविंदभाई नाई ने कोर्ट में कहा था कि उनके पिता की उम्र 88 साल और मां की उम्र 75 साल है. वह उनकी देखभाल करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं इसलिए उन्हें समय दिया जाए.

  • वहीं, रमेश रूपाभाई चंदना ने कहा था कि उन्हें अपने बेटे की शादी की व्यवस्था करनी है, इसलिए उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मोहलत चाहिए.

  • एक अन्य दोषी मितेश चिमनलाल भट्ट ने कहा था कि उनकी सर्दी के मौसम की फसल कटाई के लिए तैयार है और वह सरेंडर करने से पहले इस काम काम को पूरा करना चाहते है.

  • वहीं, प्रदीप रमणलाल मोढिया ने कहा था कि अभी उनके फेफड़े की सर्जरी हुई है जिस वजह से उन्हें पूरी तरह ठीक होने के लिए आराम करने की जरूरत है.

ऐसे में अन्य दोषियों ने भी अपना-अपना कारण बताया था कोर्ट ने बेदम करार दिया और अर्जी को खारिज कर दिया.

Exit mobile version