बिलकिस बानो केस : इन दो भाजपा नेताओं ने 11 दोषियों की रिहाई में निभाई अहम भूमिका
Bilkis Bano latest news : समिति के सदस्यों में से एक ने कहा कि हमने महसूस किया कि दोषियों को पहले ही अपने किये की सजा मिल चुकी है. इसलिए उन्हें समय से पहले रिहा किया जाना चाहिए. जानें कैसे रिहा हुए 11 दोषी.
बिलकिस बानो केस की चर्चा इनदिनों हो रही है. मामले को लेकर कई तरह की खबरें आ रही है. इस बीच एक खबर जो सामने आ रही है उसके अनुसार भाजपा विधायक सीके राउलजी और सुमन चौहान गोधरा कलेक्टर सुजल मायात्रा की अध्यक्षता वाली समिति के सदस्य थे, जिसने 2002 के दंगों के बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार और नरसंहार मामले में 11 दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी.
समिति की ओर से क्या लिया गया फैसलाबताया जा रहा है कि समिति की ओर से “सर्वसम्मति से” उन दोषियों को छूट देने की सिफारिश की गयी थी. ये 11 दोषी 2008 में जघन्य अपराध में आजीवन कारावास की सजा के बाद से पहले ही 14 साल जेल की सजा काट चुके हैं. राज्य सरकार ने सलाहकार समिति की सिफारिश को स्वीकार किया और दोषियों को छोड़ने और समयपूर्व रिहाई की अनुमति प्रदान की. दोषियों के छूटने के बाद उनके रिश्तेदारों के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा उनका स्वागत किया गया. इनका माला और मिठाई के साथ सम्मानित किया गया था जिसकी तस्वीर भी सामने आयी.
समिति के सदस्यों में से एक ने कहा कि हमने महसूस किया कि दोषियों को पहले ही अपने किये की सजा मिल चुकी है. इसलिए उन्हें समय से पहले रिहा किया जाना चाहिए. हालांकि यह ब्योरा देने से उन्होंने इनकार किया कि दोषियों की रिहाई को लेकर कितनी बैठकें हुईं और छूट देने का फैसला करते समय किन पहलुओं पर विचार किया गया. यहां चर्चा कर दें कि गोधरा के विधायक राउलजी एक अनुभवी राजनेता हैं. इन्होंने 2017 में सत्तारूढ़ भाजपा का दामन थामा था. 2017 में कांग्रेस में दरार आयी थी जिस वक्त उन्होंने यह फैसला लिया.
क्या कहा बिलकिस बानो नेगुजरात में 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो का पहला बयान दुष्कर्मियों की रिहाई के बाद आया है. उन्होंने कहा है कि उनके और उनके परिवार के सात लोगों से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई होने से दुखी हूं. मेरा न्याय से विश्वास उठ गया है.