23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Gujarat Riots: ’20 साल पुराना जख्‍म फिर ताजा हो गया’, बिलकिस बानो का आया पहला बयान

Gujarat Riots 2002: बिलकिस बानो ने कहा कि दो दिन पहले 15 अगस्त, 2022 को जब मैंने सुना कि मेरे परिवार और मेरी जिन्दगी बर्बाद करने वाले, मुझसे मेरी तीन साल की बेटी को छीनने वाले 11 दोषियों को आजाद कर दिया गया है तो 20 साल पुराना भयावह अतीत मेरे सामने मुंह बाए खड़ा हो गया.

बिलकिस बानो ये वो नाम है जिसकी चर्चा इन दिनों पूरे देश में हो रही है. गुजरात में 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो का पहला बयान दुष्‍कर्मियों की रिहाई के बाद आया है. उन्होंने कहा है कि उनके और उनके परिवार के सात लोगों से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई होने से दुखी हूं. मेरा न्याय से विश्‍वास उठ गया है.

यहां चर्चा कर दें कि बिलकिस बानो सामूहिक दुष्‍कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले के दोषी सभी 11 लोगों को भाजपा नीत गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत सजा माफी दे दी जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया. सरकार के इस कदम की आलोचना बिलकिस बानो ने की है. उन्होंने कहा है कि ‘इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण फैसला’ लेने से पहले किसी ने उनकी सुरक्षा के बारे में नहीं पूछा और नाही उनके भले के बारे में सोचा.

मेरी तीन साल की बेटी को छीनने वाले लोग हैं ये : बिलकिस बानो

बिलकिस बानो ने गुजरात सरकार से इस बदलने और उन्हें ‘‘बिना डर के शांति से जीने’ का अधिकार देने को कहा. दुष्‍कर्म पीड़िता बिलकिस की ओर से उनकी वकील शोभा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि दो दिन पहले 15 अगस्त, 2022 को जब मैंने सुना कि मेरे परिवार और मेरी जिन्दगी बर्बाद करने वाले, मुझसे मेरी तीन साल की बेटी को छीनने वाले 11 दोषियों को आजाद कर दिया गया है तो 20 साल पुराना भयावह अतीत मेरे सामने मुंह बाए खड़ा हो गया. सरकार के इस फैसले को सुनकर उन्हें लकवा सा मार गया है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं अभी भी होश में नहीं हूं.”

Also Read: Bilkis Bano case: क्या है 2002 बिलकिस बानो केस, 11 दोषियों को क्यों किया गया रिहा?
मैंने तंत्र पर भरोसा किया था: बिलकिस

बिलकिस ने कहा कि आज वह सिर्फ इतना कह सकती है कि ‘‘किसी महिला के लिए न्याय ऐसे कैसे खत्म हो सकता है ?” उन्होंने कहा कि मैंने अपने देश के उच्चतम न्यायालय पर भरोसा किया. मैंने तंत्र पर भरोसा किया और मैं धीरे-धीरे अपने भयावह अतीत के साथ जीना सीख रही थी. दोषियों की रिहाई से मेरी शांति भंग हो गई है और न्याय पर से मेरा भरोसा उठ गया है. उन्होंने कहा कि मेरा दुख और मेरा खत्म हो रहा भरोसा, सिर्फ मेरी समस्या नहीं है, बल्कि अदालतों में न्याय के लिए लड़ रही सभी महिलाओं की बात है. बिलकिस ने दोषियों की रिहाई के बाद राज्य सरकार से उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.

भाषा इनपुट के साथ

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें