हिरासत में ली गयीं किसान आंदोलन को समर्थन देने पहुंची बिलकिस बानो, कहा- हम किसानों की बेटियां, सरकार को सुननी चाहिए हमारी बात
नयी दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ''दिल्ली चलो'' प्रदर्शन को समर्थन मिलने की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है. मंगलवार को भीम आर्मी के चंद्रशेखर और शाहीनबाग आंदोलन की 'दादी' बिलकिस बानो का भी समर्थन मिल गया है. हालांकि, बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
नयी दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ”दिल्ली चलो” प्रदर्शन को समर्थन मिलने की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है. मंगलवार को भीम आर्मी के चंद्रशेखर और शाहीनबाग आंदोलन की ‘दादी’ बिलकिस बानो का भी समर्थन मिल गया है. हालांकि, बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
Delhi: Police detain Shaheen Bagh activist Bilkis Dadi who reached Singhu border (Delhi-Haryana border) to join farmers' protest. https://t.co/UTnTit1oso pic.twitter.com/34lCCtXy5u
— ANI (@ANI) December 1, 2020
दिल्ली के शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध कर बिलकिस बानो सुर्खियों में आयी थीं. शाहीन बाग में ‘दादी’ के नाम से सुर्खियां बटोरनेवाली बिल्किस बानो अब किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है. किसानों के आंदोलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को वह सिंघु बॉर्डर पहुंच गयी.
किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने पहुंची बिलकिस बानो ने मंगलवार को कहा कि ”हम किसानों की बेटियां हैं. हम आज किसानों के पास जाकर उनके विरोध को समर्थन देंगे. हम अपनी आवाज बुलंद करेंगे. सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए.”
हालांकि, किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर पहुंची शाहीन बाग की कार्यकर्ता बिलकिस दादी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. मालूम हो कि शाहीनबाग की दादी के नाम से सुर्खियां बटोरनेवाली मूलरूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहनेवाली हैं. करीब 11 साल पहले पति के निधन के बाद 82 वर्षीय बिलकिस बानो बहू और पोतों के साथ शाहीनबाग में ही रहती हैं.
टाइम मैगजीन ने भी साल 2020 की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शाहीनबाग की ‘दादी’ बिलकिस बानो का नाम शामिल किया है. शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों की आवाज बननेवाली बिल्किस बानो के बयान भी सुर्खियों में रहे.
शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध प्रदर्शन के दौरान उनका नाम पूछे जाने पर उन्होंने स्पष्ट रूप से अपना नाम बताने से इनकार करते हुए कहा था कि ”हम नाम नहीं बतायेंगे, क्योंकि हमारे पास दस्तावेज नहीं हैं.”