Parliament Special Session : संसद का विशेष सत्र आगामी 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संचालित होगा. ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि इस सत्र में सरकार की तरफ से कई अहम बिल लाए जा सकते है. जहां एक ओर विपक्ष की ओर से सरकार पर इस सत्र के एजेंडे को लेकर शुरू से बयान दिए जा रहे है वहीं, अब सरकार ने सभी पार्टियों के लिए व्हिप जारी किया है. जहां एक ओर विपक्ष का कहना है कि सरकार इस सत्र में कुछ षड्यन्त्र करने की कोशिश करेगी वहीं, सरकार का क्या रुख है, आइए डालते एक बार नजर…
बता दें कि सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, इस सत्र में चार विधेयकों को सदन में पेश किया जाएगा.
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अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 : इस विधेयक में अधिवक्ताओं के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकताओं में बदलाव करने का प्रस्ताव है.
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प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक, 2023 : इस विधेयक में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रस्ताव है.
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डाकघर विधेयक, 2023 : इस विधेयक में डाकघरों की सेवाओं और उत्पादों को बढ़ाने का प्रस्ताव है.
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मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 : इस विधेयक में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव करने का प्रस्ताव है.
सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र की एक संभावित कार्यसूची की घोषणा के एक दिन बाद ही विपक्ष ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया. टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तक पूरी कार्यसूची का खुलासा नहीं किया गया है. सरकार कुछ ‘तिकड़म’ कर कार्यसूची में और कामकाज शामिल कर सकती है. डेरेक ओ ब्रायन ने यह भि कहा कि मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि कार्यसूची में उन्होंने एक बहुत ही डराने वाली लाइन लिखी है. इसमें लिखा है कि ये पूरी कार्यसूची नहीं है. इसलिए वे अंतिम क्षणों में इसमें और भी कुछ जोड़ सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि सत्र के एजेंडे से केवल दो लोग ही अवगत हैं और हम अभी भी खुद को संसदीय लोकतंत्र कहते हैं.
18 सितंबर से शुरू हो रहे पांच दिवसीय संसद सत्र की कार्यसूची को लेकर विपक्षी नेता लगातार सवाल उठा रहे हैं. लोकसभा सचिवालय द्वारा बुधवार रात को 17वीं लोकसभा के 13वें सत्र के लिए ”सरकार के विधायी कामकाज की अस्थायी सूची” जारी की गई. इसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए पेश किया जा सकता है.
बुलेटिन के अनुसार, इसमें संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा के अलावा चार विधेयकों का भी उल्लेख है. इनमें एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023 और प्रेस एवं आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 राज्यसभा से पारित एवं लोकसभा में लंबित हैं. वहीं, डाकघर विधेयक 2023 तथा मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्त विधेयक 2023 सूचीबद्ध है. सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही की शुरुआत पुराने भवन से कराने के बाद इसे नये भवन में स्थानांतरित किया जा सकता है.
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार कुछ आश्चर्यजनक कानून ला सकती है. कांग्रेस ने भी अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है. व्हिप किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा जारी एक लिखित आदेश होता है जो पार्टी के सदस्यों को अनिवार्य रुप से मानना होता है. कांग्रेस ने 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के लिए अपने राज्यसभा सदस्यों को सदन में मौजूद रहने को लेकर व्हिप जारी किया है. राज्यसभा में अपने सदस्यों के लिए जारी व्हिप में कांग्रेस ने कहा, ‘इस विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा में बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.’