हिमाचल प्रदेश में बढ़ा बर्ड फ्लू का खतरा, कांगड़ा जिले में हड़कंप, नहीं बिकेगा चिकन, अंडा और मछली
Bird Flu Alert कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच एक और बीमारी ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के लोगों की चिंता बढ़ा दी है. प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पोंग बांध झील में मृत पाये गये प्रवासी पक्षी बर्ड फ्लू से संक्रमित पाये गये हैं. इसी के मद्देनजर जिलाधिकारी ने अलर्ट जारी करते हुए जरूरी दिशानिर्देश जारी किया है.
Bird Flu Alert कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच एक और बीमारी ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के लोगों की चिंता बढ़ा दी है. प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पोंग बांध झील में मृत पाये गये प्रवासी पक्षी बर्ड फ्लू से संक्रमित पाये गये हैं. इसी के मद्देनजर जिलाधिकारी ने अलर्ट जारी करते हुए जरूरी दिशानिर्देश जारी किया है.
#UPDATE | Himachal Pradesh: Kangra District Magistrate issues order, completely prohibiting sale/purchase/export of any poultry/birds/fish of any breed/age & their related products (eggs, meat, chicken etc) in Fatehpur, Dehra, Jawali & Indora areas of Kangra. pic.twitter.com/2FD2x2Mo6v
— ANI (@ANI) January 4, 2021
जिलाधिकारी की ओर से जारी दिशानिर्देश के अनुसार, अब कांगड़ा जिले के फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदोरा क्षेत्र में चिकन, मीट और अंडा के बेचने, खरीदने और निर्यात करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. गौर हो कि भारत में बर्ड फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) की वजह से होता है.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और झारखंड में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. दरअसल, यह वायरस संक्रमित पक्षियों और इंसानों दोनों के लिए भी बहुत खतरनाक है. गौर हो कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले स्थित पोंग डैम इलाके में 1400 से अधिक प्रवासी पक्षियों की रहस्यमयी मौत से अफरा-तफरी का माहौल है. कांगड़ा प्रशासन ने बांध के जलाशय में सभी तरह की गतिविधियों में अगले आदेश तक रोक लगा दी है.
बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान इससे आसानी से संक्रमित हो जाते हैं. इस वायरस से संक्रमित होने वाले की मौत भी हो सकती है. बर्ड फ्लू से संक्रमित व्यक्ति को कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत और सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बहना और बेचैनी जैसी समस्या हो सकती है. इसका पहला मामला 1997 में हॉन्ग कॉन्ग में आया था. उस समय बर्ड फ्लू के प्रकोप को पोल्ट्री फार्म में संक्रमित मुर्गियों से जोड़ा गया था.
Upload By Samir Kumar