Bird flu : केरल के अलपुझा जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जिले में दो जगहों पर जांच में संक्रमण के मामले पाए गए हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अलपुझा जिले के एडथवा ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर वन और चेरुथना ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर तीन में पालतू बतखों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. मामले की पुष्टि होने के बाद अलपुझा के डीसी ने इन क्षेत्रों में बतखों को मारने के आदेश दे दिए हैं, साथ ही एक किलोमीटर की परिधि में सभी पालतू पक्षियों को भी मारने के आदेश दिए गए हैं.
बतखों में बर्ड फ्लू के लक्षण
ज्ञात हो कि बर्ड फ्लू का मामला तब कंफर्म हुआ जब कुछ बतखों में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखने के बाद उसे जांच के लिए भोपाल के लैब भेजा गया. जांच के बाद प्रशासन की ओर से एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) का संक्रमण बतखों में पाए जाने की पुष्टि हुई. जिसके बाद केंद्र की कार्ययोजना के अनुसार डीसी की अध्यक्षता में बैठक हुई और घरेलू पक्षियों को एक किलोमीटर के दायरे में मारने के आदेश दिए गए. इसके लिए एक रैपिड एक्शन फोर्स का गठन कर लिया जाएगा, जो इस काम को बखूबी करेगा. प्रशासन की ओर से यह अपील की गई है कि अनावश्यक रूप से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस बीमारी के पक्षियों से इंसानों फैलने की संभावनाबहुत कम होती है.
क्या होता है बर्ड फ्लू ?
बर्ड फ्लू एक तरह का संक्रमण है जो श्वसन संबंधी परेशानी उत्पन्न करता है. यह संक्रमण अधिकतर बतखों, मुर्गियों और अन्य जंगली पक्षियों में नजर आता है. पक्षियों से यह संक्रमण इंसानों तक बहुत कम ही फैलता है, लेकिन जो लोग लगातार मुर्गियों के संपर्क में रहते हैं या जंगली पक्षियों के संपर्क में रहते हैं, उनमें यह संक्रमण फैल सकता है. जिनमें भी बर्ड फ्लू के मामले नजर आते हैं, उनमें इस तरह के लक्षण दिखते हैं, जैसे आंखों का लाल होना, बुखार, खांसी या गले में खराश होना. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि एवियन फ्लू तेजी से फैल सकता है और इसमें मृत्युदर कोविड से ज्यादा हो सकती है. अगर आप मांसाहारी हैं, तो चिकन और बतख के कच्चे मांस के संपर्क में आने पर विशेष सावधानी रखें. उसकी सफाई ठीक से करें और हाथों को गरम पानी और साबुन से धोएं. मांस को 74 डिग्री के तापमान तक पकाकर खाएं.