नयी दिल्ली : कई राज्यों में कौवों की हो रही लगातार मौत से बर्ड फ्लू (Bird Flu) की आशंका गहरा गयी है. पूरा देश जहां कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से लड़ रहा है, वहीं बर्ड फ्लू के इस नये खतरे से लोग परेशान हैं. राजस्थान (Rajasthan) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सैकड़ों की संख्या में कौवें मृत पाये गये हैं. उसके बाद अब हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में 1000 से ज्यादा पक्षियों की मौत से प्रशासन में हड़कंप है. राजस्थान के झालावाड़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि भी हो चुकी है. वहीं आज कोटा और पाली में भी कौवों की मौत हुई है.
मध्यप्रदेश में मृत पक्षियों के सैंपल लेकर भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गये हैं. इंदौर में मृत मिले कौवों में एच5एन8 वायरस की पुष्टि हुई है. बता दें कि एच5एन1 से एच5एन5 वाले वायरस ज्यादा घातक होते हैं. इसके संक्रमण तेजी से फैलते हैं. पशु चिकित्सकों का कहना है कि एच5एन8 वाले वायरस केवल कौवों तक ही सीमित हैं, ये दूसरे पक्षियों में नहीं फैल सकते हैं.
जिन भी राज्यों में कौवे मृत मिले हैं, वहां उनकों छह फिट के गड्ढे में चूना डालकर दफना दिया गया है. लोगों को चेतावनी जारी की गयी है कि थोड़ा सतर्क रहें. हालांकि मुर्गियों आदि में अभी बर्ड फ्लू के वायरस नहीं पाये गये हैं. सबसे चौकानें वाली बात यह है कि हिमाचल प्रदेश के पोंग डैम अभयारण्य में एक हफ्ते में 1,000 से अधिक प्रवासी पक्षी मृत पाये गये हैं.
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वन्यप्राणी विभाग ने बर्ड फ्लू की आशंका के कारण जिलाधीश कांगड़ा को अवगत करा कर झील में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है. राज्यों के जिन हिस्सों में ये मृत पक्षी पाये गये हैं, वहां स्थानीय लोग दहशत में हैं. बर्ड फ्लू का वायरस अगर मुर्गियों में पाया जाने लगे तो इससे सबसे ज्यादा खतरा इंसानों को होता है. प्रवासी पक्षियों के संक्रमित होने के बाद से इस पर भी संदेह व्यक्त किया जा रहा है.
Posted By: Amlesh Nandan.