Bird Flu : ‘बर्ड फ्लू से पैनिक ना हों, यह हर साल सर्दी के मौसम में करता है परेशान’
बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लुएंजा,bird flu) से घबराने की जरूरत नहीं है. इससे हर साल भारत प्रभावित होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रत्येक वर्ष प्रवासी पक्षी दुनियाभर से यहां आते हैं. modi govt, jharkhand ,bihar ,up ,delhi ,madhya pradesh, bird flu samachar
बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लुएंजा,bird flu) से घबराने की जरूरत नहीं है. इससे हर साल भारत प्रभावित होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रत्येक वर्ष प्रवासी पक्षी दुनियाभर से यहां आते हैं. यह बात केंद्र सरकार के सचिव (पशुपालन) अतुल चतुर्वेदी ने कही है. अचानक से पूरे देश में बर्ड फ्लू के प्रसार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में यह हर साल देखा जाता है.
उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू सितंबार-अक्टूबर से शुरू होता है जिसका प्रभाव फरवरी-मार्च तक रहता है. इसको लेकर ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है. पिछले कुछ वर्षों से यह आमतौर पर इस मौसम में पक्षियों में देखने का मिलता है. हर साल इससे पक्षियों की मौत होती है.
अतुल चतुर्वेदी ने आगे कहा कि प्रवासी पक्षियों के आने के कारण यह फैलता है और इनके जाते ही इसका प्रभाव खत्म हो जाता है. भारत में बर्ड फ्लू के इतिहास पर नजर डालें तो यह पिछले 15 साल यानी 2006 से नजर आ रहा है. अब तक एक भी ऐसा केस नजर नहीं आया है जब इस फ्लू ने किसी मनुष्य को संक्रमित किया हो.
आपको बता दें कि देश के 10 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लुएंजा) के मामलों के बीच झारखंड और उत्तर प्रदेश में पक्षियों की मौत के नए मामले प्रकाश में आये हैं. इधर केंद्र ने जांच के दिशानिर्देश और पक्षियों को मारने के दौरान काम में आने वाले पीपीई किट को लेकर परामर्श जारी करने का काम किया है.
इन राज्यों में हड़कंप : आपको बता दें कि उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों में देहरादून, ऋषिकेश, कोटद्वार आदि जगहों पर कौओं सहित करीब 300 पक्षी मरे हुए मिले हैं. यहां नमूनों के इंफ्लुएंजा से संक्रमित पाए जाने के बाद हाईअलर्ट जारी किया गया है. इधर महाराष्ट्र में लातूर जिलों के कुछ हिस्सों में पक्षियों को मारने के आदेश दे दिये गये हैं. दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी हैं.
Posted By : Amitabh Kumar