एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्राह हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिये हैं. कोर्ट ने UIDAI को आंतरिक जांच में यह पता लगाने का आदेश दिया है कि भाजपा को पुडुचेरी के वोटर्स के मोबाइल नंबर कैसे मिले. इस मामले में चुनाव आयोग और पुलिस को भी जांच के आदेश दिये गये हैं. इस पूरे मामले की जांच के लिेए चुनाव आयोग को डेढ़ महीने का वक्त दिया गया है.
एक जनहित याचिका में भाजपा पर यह आरोप लगाया गया कि उन्हें आधार कार्ड का पूरा ब्योरा दिया गया है. यही कारण है कि कैंपेन से जुड़े सारे मैसेज और अहम जानकारियां सिर्फ उन मोबाइल पर आ रहीं हैं जो आधार कार्ड से लिंक की गयी हैं.
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भाजपा सहित कई राजनीतिक पार्टियां मोबाइल फोन पर मैसेज भेजती है जिसमें टेक्स्ट, वाइस सहित कई माध्यम होते हैं. उन पर यह भी आरोप लगा है कि इस संबंध में चुनाव आयोग को जानकारी नहीं दी गयी है उनकी इजाजत के बगैर ही इन मोबाइल फोन के नंबर पर संदेश औऱ चुनाव प्रचार किये जा रहे हैं.
इन मोबाइल नंबर से भाजपा के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए भी मैसेज आ रहे हैं. इस पूरे मामले पर भाजपा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, हमारे कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से हमारे पास यह फोन नंबर आया है. ए . आनंद की तरफ से दायर की गयी याचिका में कई गंभीर आरोप लगाये गये हैं. उनके वकील ने मांग की है कि भाजपा की पार्टी इकाई को सस्पेंड करना चाहिए.
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पूरे मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए UIDAI से भी जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा यह सिर्फ चुनावी लाभ का मामला नहीं है यह लोगों की निजता में सेंधमारी है. यह मुद्दा अहम है और इसे चुनावी माहौल में खोना नहीं चाहिए. इस मामले पर कोर्ट ने चुनाव आयोग से भी जवाब मांगा है.