MP News: नशे के ‘‘नाइट कल्चर’’ पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने! कैलाश विजयवर्गीय ने कह दी ये बात
MP News : कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह नशे के जिस ‘‘नाइट कल्चर’’ की बात कर रहे हैं, वह राज्य की भाजपा सरकार की ही देन है.
MP News : भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर नशाखोरी का मुद्दा उठाया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि इंदौर में नशे का ‘‘नाइट कल्चर’’ (लोगों के नशा करके देर रात तक शहर में घूमने की प्रवृत्ति) नौजवानों को अपनी चपेट में ले रहा है और इस पर लगाम लगाये जाने की जरूरत है. विजयवर्गीय ने मीडिया से बातचीत के क्रम में यह बात कही. उन्होंने कहा कि अभी जो नाइट कल्चर आया है, वह हमारे नौजवानों को कहीं न कहीं संक्रमित कर रहा है और इसलिए शहर में देर रात मादक पदार्थों का सेवन भी किया जा रहा है. हम चाहते हैं कि इन चीजों पर नियंत्रण होना चाहिए.
‘‘नशे का घोर विरोधी’’
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने खुद को ‘‘नशे का घोर विरोधी’’ बताते हुए कहा कि स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने पुलिस और प्रशासन से आग्रह किया है कि शहर में नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए योजना बनाकर कदम उठाये जाएं. भाजपा महासचिव ने कहा कि जनता को इस योजना के परिणाम अगले कुछ दिनों में दिखाई देंगे. यहां चर्चा कर दें कि विजयवर्गीय अपने गृह नगर इंदौर के नौजवानों में नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ इन दिनों खासे मुखर हैं और इस विषय पर लगातार बयान दे रहे हैं.
कांग्रेस का भाजपा पर तंज
उधर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह नशे के जिस ‘‘नाइट कल्चर’’ की बात कर रहे हैं, वह राज्य की भाजपा सरकार की ही देन है. उन्होंने दावा किया कि शहर में धड़ल्ले से पब और बार के लाइसेंस बांटे गये हैं और ये स्थान देर रात तक खुले रहते हैं जहां शराब के अलावा अन्य मादक पदार्थों की आपूर्ति भी की जाती है. शुक्ला ने कहा कि यह सोचने वाली बात है कि विजयवर्गीय जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता नशाखोरी पर रोक के मुद्दे के बहाने उनके ही दल की सरकार पर बार-बार क्यों उंगली उठा रहे हैं?
Also Read: कैलाश विजयवर्गीय के ‘शूर्पणखा’ वाले बयान पर बवाल, कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
उन्होंने तंज कसा कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब के खिलाफ पहले से मुहिम चला रही हैं और विजयवर्गीय को इस अभियान में खुलकर उनका साथ देते हुए राज्य सरकार को घेरना चाहिए.
भाषा इनपुट के साथ