नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने मारगेट अल्वा को अपना साझा उम्मीदवार बनाया है. भाजपा ने सोशल मीडिया पर वायरल मारगेट अल्वा के एक इंटरव्यू के हवाले से सोनिया गांधी पर हमला किया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 में विपक्ष की साझा उम्मीदवार मारगेट अल्वा ने अगस्ता वेस्टलैंड को लेकर एक टीवी इंटरव्यू में इंदिरा गांधी के दूसरे बेटे संजय गांधी पर आरोप लगाया था. इतना ही नहीं, मारगेट अल्वा ने अपनी किताब ‘करेज एंड कमिटमेंट’ में सोनिया गांधी पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव के पार्थिव शरीर के साथ अपमान करने का आरोप लगाया था. मारगेट अल्वा की इस किताब से कांग्रेस पूरी तरह से हिल गई थी. अब भाजपा इसी किताब और इंटरव्यू के हवाले से सोनिया गांधी पर हमलावर हो गई है.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मारगेट अल्वा ने वर्ष 2016 में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि सोनिया गांधी नरसिंह राव पर भरोसा नहीं करती थीं. उन्होंने दावा किया था कि एक रविवार की शाम तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव ने उन्हें बुलाया और उनसे पूछा था कि वह महिला क्या चाहती हैं? मैंने कहा कुछ नहीं, लेकिन वह जानना चाहते थे कि 10 जनपथ (सोनिया गांधी का आधिकारिक आवास) का मूड कैसा है? नरसिम्हाराव थोड़े चिंतित थे और वह सोनिया के साथ कोई संघर्ष जैसी स्थिति नहीं चाहते थे.
मारगेट अल्वा ने अपनी किताब ‘करेज एंड कमिटमेंट’ में लिखा है, ‘पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और सोनिया गांधी एक-दूसरे पर नजर रखते थे. दोनों को एक-दूसरे पर बिल्कुल भरोसा नहीं था. सोनिया को लगता था कि किसी वजह से पीवी नरसिम्हाराव उनके साथ वैसा व्यवहार नहीं कर रहे हैं, जैसा कि उन्हें करना चाहिए था.’ अल्वा ने कहा था कि सोनिया गांधी कांग्रेस में मनमाने फैसले लेती थीं. कांग्रेस पार्टी के भीतर फैसले लेने का काम एक चेहरे तक केंद्रित हो गया.
उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की साझा उम्मीदवार मारगेट अल्वा ने 2016 के अपने टीवी चैनल के इंटरव्यू में कहा था कि बोफोर्स मामले को दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद राव ने इसके खिलाफ अपील करने का फैसला किया था. इस दौरान सोनिया गांधी और नरसिम्हाराव के बीच संबंध बेहद खराब हो चुके थे. इससे सोनिया गांधी काफी नाराज थीं. सोनिया ने मुझसे कहा था कि क्या पीएम मुझे जेल भेजना चाहते हैं? पर मुझे कोई जानकारी नहीं थी. भले ही मैं सीबीआई इंजार्ज थी, लेकिन मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मुझसे सोनिया गांधी ने पूछा तो मैंने इससे अनभिज्ञता जताई. दरअसल, ये पूरा मामला पीएमओ और सीधे सीबीआई निदेशक के जरिए सौदा हुआ था. मुझे इससे दूर रखा गया था. इससे मैं भी चिंतित थी. बिना मेरी जानकारी के ये हुआ. सोनिया इससे मुझे संदिग्ध मानने लगी.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2004 में जब पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव का निधन हुआ, तो उनके पार्थिव शरीर को को कांग्रेस मुख्यालय नहीं लाने दिया गया. उस वक्त सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष थीं. इस पर मारगेट अल्वा ने कहा था, ‘ऐसा लगता था कि उन्होंने बदला लिया. ये सही नहीं था. वह पीएम रहे थे. पार्टी के महासचिव थे. उन्होंने बाबरी मस्जिद को छोड़कर शानदार काम किया था. उनके पार्थिव शरीर के साथ पार्टी ने अच्छा व्यवहार नहीं किया. मुझे इस बात का काफी दुख हुआ था. पूर्व पीएम राव को जो सम्मान मिलना चाहिए, वह नहीं मिला. उनके पार्थिव शरीर को बाद में हैदराबाद भेज दिया गया. एक ऐसा नेता जो आंध्रप्रदेश का सीएम रहा हो, पार्टी का बड़ा नेता हो उनके साथ ऐसा व्यवहार करना उचित नहीं था.
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मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मारगेट अल्वा ने अपनी किताब ‘करेज एंड कमिंटमेंट’ में संजय गांधी पर भी आरोप लगाए हैं. उन्होंने अपने इंटरव्यू में दावा किया कि अगस्ता वेस्टलैंड के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के पिता वुलफेंग मिशेल से संजय गांधी के कथित रिश्ते थे. मारगेट अल्वा ने अपने इंटरव्यू में दावा किया था कि उनके पास इस घोटाले को लेकर सबूत भी थे.