BJP: पूर्वांचली मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा की विशेष टीम करेगी प्रचार
दिल्ली में पूर्वांचली मतदाता सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. ऐसे में इस वर्ग को साधने के लिए भाजपा ने पूर्वांचली नेताओं की एक टीम बनाकर विशेष रणनीति तैयार की है. उत्तर प्रदेश और बिहार के 100 से अधिक नेताओं को पूर्वांचल बहुल इलाकों में पार्टी के पक्ष में काम करने के लिए तैनात करने का निर्णय लिया गया है.
BJP:दिल्ली में लगभग तीन दशक बाद सत्ता में वापसी करने के लिए भाजपा ने पुख्ता रणनीति तैयार की है. पार्टी की कोशिश पूर्वांचली के साथ ही दलितों और गरीब तबकों को साधने की है. विधानसभा चुनाव में इस वर्ग का व्यापक समर्थन आम आदमी पार्टी को मिलता रहा है. लेकिन इस बार भाजपा की नजर आप के कोर वोटर को अपने पाले में लाने की है. दिल्ली में पूर्वांचली मतदाता सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. ऐसे में इस वर्ग को साधने के लिए
भाजपा ने पूर्वांचली नेताओं की एक टीम बनाकर विशेष रणनीति तैयार की है. उत्तर प्रदेश और बिहार के 100 से अधिक नेताओं को पूर्वांचल बहुल इलाकों में पार्टी के पक्ष में काम करने के लिए तैनात करने का निर्णय लिया गया है. पूर्व सांसद और असम भाजपा प्रभारी हरीश द्विवेदी को इस टीम का समन्वयक नियुक्त किया गया है. गुरुवार से पूर्वांचली नेता विभिन्न क्षेत्रों में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए जमीन पर उतरेंगे. पार्टी ने पूर्वांचली बहुल क्षेत्रों की पहचान की है और जिस क्षेत्र में जिस इलाके के लोग अधिक हैं, वहां उस इलाके के नेता को मैदान में उतारा जायेगा. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी पूर्वांचली मतदाताओं को साधने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.
पूर्वांचली नेता जमीन पर लोगों से करेंगे संवाद
पूर्वांचल के नेताओं की देर शाम भाजपा के संगठन सचिव बीएल संतोष की अध्यक्षता में एक अहम बैठक होगी, जिसमें महासचिव तरुण चुघ और हरीश द्विवेदी भी शामिल होंगे. इस बैठक में पूर्वांचली नेताओं को वोटरों से संवाद करने और कौन से मुद्दे को प्राथमिकता देनी है, इसकी जानकारी दी जायेगी. पार्टी की ओर से ऐसे इलाकों का सर्वे कर लोगों के मुद्दे तय किए गए हैं. पार्टी उन मुद्दों को तरजीह देगी, जो जनहित से जुड़े होंगे.
इस दौरान पूर्वांचली नेता केंद्र सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं और आम आदमी पार्टी के पूर्वांचली लोगों के साथ किए गए व्यवहार को भी लोगों के सामने रखेगी. दिल्ली की 70 में से लगभग दो दर्जन से अधिक सीटों पर पूर्वांचली मतदाताओं हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं. दिल्ली में बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड के मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है. ऐसे में पार्टी बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड के नेताओं को विशेष टीम में जगह दी है. यही नहीं पार्टी दूसरे राज्यों के मतदाताओं को साधने के लिए भी नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है. चुनाव के आखिरी हफ्ते में भाजपा की ओर से आक्रामक चुनाव प्रचार करने की योजना है.