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BJP: दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा और संघ कर रहे हैं मंथन

ढाई दशक से भाजपा दिल्ली की सत्ता से दूर है. लोकसभा चुनाव में पिछली तीन बार से सभी सात सीटें जीतने के बावजूद पार्टी विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम रही है. दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रणनीति तय करने के लिए पार्टी का दो दिवसीय चिंतन शिविर शनिवार से रणथंभौर में शुरू हुआ है.

BJP: दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होना है. लगभग ढाई दशक से भाजपा दिल्ली की सत्ता से दूर है. लोकसभा चुनाव में पिछली तीन बार से सभी सात सीटें जीतने के बावजूद पार्टी विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम रही है. ऐसे में दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रणनीति तय करने के लिए पार्टी दो दिवसीय चिंतन शिविर का आगाज राजस्थान में रणथंभौर में शुरू किया है. इस चिंतन शिविर में दिल्ली भाजपा के प्रमुख नेताओं के अलावा संघ के प्रतिनिधि शामिल हुए है. बैठक में संघ की ओर से 

सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, दिल्ली के क्षेत्र प्रचारक जतिन कुमार और प्रांत प्रचारक विशाल के अलावा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, संगठन मंत्री, प्रभारी, सह प्रभारी और कोर ग्रुप में शामिल नेता शामिल हो रहे हैं. साथ ही दिल्ली के सभी सांसद और विधायक भी इस बैठक में शामिल हो रहे हैं. इस दौरान दिल्ली की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, पार्टी के संगठन की समीक्षा के साथ ही पूर्व में हुए हार के कारणों पर मंथन किया जा जायेगा. 


विधानसभा चुनाव जीतने की बनेगी रणनीति


दिल्ली में वर्ष 1998 में सत्ता गंवाने के बाद भाजपा विपक्ष की भूमिका में ही रही है. शीला दीक्षित के 15 साल के शासन के बाद अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में बनी आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज है. आम आदमी पार्टी का पिछले दो विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन रहा है और आप तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने की तैयारी में हैं. भाजपा का मानना है कि पिछले पांच साल में आम आदमी पार्टी के नेताओं और सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप के कारण छवि को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में इस बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा के पास पर्याप्त मौका है. लेकिन दिल्ली में भाजपा की सबसे बड़ी समस्या सर्वमान्य स्थानीय नेतृत्व का नहीं होना है. 


बूथ को मजबूत करने पर होगा जोर


अभी भी केजरीवाल का मुकाबला करने के लिए भाजपा के पास उस कद का कोई स्थानीय नेता नहीं है. संघ का मानना है कि मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी है और मजबूत नेतृत्व नहीं होने के बावजूद अगर भाजपा सामूहिक नेतृत्व और जमीनी स्तर पर लड़ाई लड़े तो केजरीवाल को हराया जा सकता है. रणथंभौर की बैठक में संघ की ओर से भाजपा को चुनाव जीतने के लिए उठाए जाने वाले संभावित कदमों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी कि भाजपा कैसे और किन मुद्दों के सहारे आप का सामना कर सकती है. संघ की ओर से भाजपा को बूथ स्तर पर स्थानीय नेताओं को सक्रिय करने, टिकट बंटवारे में क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले नेताओं को तरजीह देने पर मंथन किया जायेगा. 

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