नयी दिल्ली: राज्यसभा की 10 सीटों के लिए हो रहा चुनाव देश की राजनीति को गहराई से प्रभावित करेगा. चुनाव के बाद राज्यसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सीटें बढ़कर 118 हो जाएगी. बहुमत का आंकड़ा 123 है. राज्यसभा चुनाव के बाद बीजेपी राज्यसभा में भी बहुमत के करीब पहुंच जाएगी.
सवाद न्यूज एजेंसी के हवाले से आशंका है कि इस बार राज्यसभा के चुनाव में बसपा और कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाएगी. कांग्रेस के दिगग्ज राज बब्बर और पी एल पुनिया राज्यसभा नहीं पहुंच पाएंगे. इनका कार्यकाल खत्म हो रहा है.
बीजेपी के खाते में जाएगी 9 सीटें
सियासी हलकों में ये उम्मीद जताई जा रही है कि 10 में से 9 सीटें सीधे बीजेपी के खाते में जाएगी. समाजवादी पार्टी को केवल 1 सीट से ही संतोष करना पड़ सकता है. राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया 20 अक्तूबर से शुरू होगी. चुनाव 9 नवंबर को होंगे. जिन 10 सदस्यों का 6 वर्ष का कार्यकाल 25 नवंबर को पूरा होने जा रहा है, उनमें सपा के पास 4, बसपा के पास 2, कांग्रेस के पास 1और बीजेपी के पास 3 सीटें हैं.
रामगोपाल का राज्यसभा पहुंचना तय
सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल का राज्यसभा में पहुंचना तय है. सपा ने राम गोपाल को उम्मीदवार घोषित भी कर दिया है. विधानसभा की 403 सीटों में इस समय 8 स्थान खाली हैं. बाकी 395 में सहयोगी दलों सहित बीजेपी के पास 314 से अधिक विधायक हैं. इनमें 305 विधायक बीजेपी के ही हैं.
राज्यसभा के एक उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम औसतन 39 से अधिक विधायकों का समर्थन चाहिए होता है.
जानें किसको मिलेगा कितना समर्थन
सपा के पास 48, बसपा के पास 18 और कांग्रेस के पास सिर्फ 7 विधायकों का समर्थन है. लेकिन सपा, कांग्रेस और बसपा के भी कुछ विधायक बीजेपी के साथ ही हैं. इसलिए सपा अपने बल पर सिर्फ एक ही व्यक्ति को राज्यसभा भेज सकती है. बीजेपी अपनी संख्या बल के आधार पर 9 और सपा अपने 1 व्यक्ति को राज्यसभा भेजने में सफल रहेगी.
Posted By- Suraj Thakur