BJP: महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन को मिली ऐतिहासिक जीत से भाजपा गदगद है. पार्टी महाराष्ट्र में मिली जीत की रणनीति को अगले साल दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनाने पर विचार कर रही है. दिल्ली में भाजपा तीन दशक से सत्ता से बाहर है, जबकि पिछले तीन लोकसभा चुनाव से भाजपा दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीट जीतने में कामयाब हो रही है. आम आदमी पार्टी को पिछले दो चुनाव में दिल्ली में ऐतिहासिक सफलता मिली है. भाजपा का मानना है कि आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद आप की लोकप्रियता में कमी आयी है. ऐसे में भाजपा को इस बार जीत की उम्मीद दिख रही है.
हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में मिली जीत के बाद भाजपा दिल्ली को लेकर रणनीति बनाने में जुटी हुई है. भाजपा दिल्ली चुनाव जीतने के लिए महिलाओं के लिए लाडली बहन योजना की घोषणा कर सकती है. हालांकि आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी महिलाओं को एक हजार रुपये महीने देने घोषणा बजट में की है, लेकिन अब तक यह योजना शुरू नहीं हो पायी है. चुनाव से पहले इस योजना के शुरू होने की संभावना बेहद कम है. ऐसे में भाजपा दिल्ली में कम आयु वर्ग की महिलाओं को हर महीने तय रकम देने की योजना का वादा कर सकती है. इस योजना का असर महाराष्ट्र, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में दिख चुका है.
महिला, युवाओं पर केंद्रित होगी घोषणा
दिल्ली चुनाव को लेकर भाजपा ने काफी पहले तैयारी शुरू कर दी है. जमीनी स्तर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. महाराष्ट्र में मिली प्रचंड जीत के बाद भाजपा महिला और युवा मतदाताओं को साधने के लिए घोषणापत्र में कई अहम घोषणाएं कर सकती है. कई राज्यों के चुनाव परिणाम के विश्लेषण से साबित होता है कि हार-जीत में महिला मतदाताओं की अहम योगदान रहा है. मौजूदा समय में भाजपा आप सरकार को यमुना की सफाई, भ्रष्टाचार, सड़कों की स्थिति और अन्य मुद्दों पर निशाना बना रही है.
लेकिन पार्टी जानती है कि इन मुद्दों के अलावा कल्याणकारी योजनाओं पर फोकस करना बेहद जरूरी है. ऐसे में भाजपा दिल्ली चुनाव में महिलाओं को नकद देने, रोजगार की सुरक्षा, छात्रों को स्कॉलरशिप देने जैसे अहम वादों की घोषणा करने पर मंथन कर रही है. भाजपा की कोशिश असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले बड़े वर्ग को लुभाने की है. पार्टी का मानना है कि आम आदमी पार्टी के मुफ्त वादों के कारण ही केजरीवाल दो बार चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. लेकिन अब केजरीवाल की आम लोगों के बीच पहले जैसी लोकप्रियता नहीं रही है.