कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ चंद दिन ही बचे हैं, और जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा नेताओं की जुबान तेजी के साथ फिसल रही है. एक तरफ जहां गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी की तुलना सांप से कर दी वहीं कांग्रेस ने अमित शाह के दंगे वाले बयान को लेकर बीजेपी को घेरा. दोनों दलों के कुछ प्रमुख नेता आज चुनाव आयोग के पास पहुंचे और विपक्षी नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. जहां एक ओर बीजेपी ने खरगे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई वहीं कांग्रेस ने अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ शिकायत की.
कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ‘सांप्रदायिक और उकसाने वाले’ बयान देने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष इनके खिलाफ शिकायत की तथा दोनों नेताओं के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाने आग्रह किया. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग पहुंचकर शिकायत की. इस प्रतिनिधिममंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, अभिषेक सिंघवी, कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल और कांग्रेस के संचार विभाग के सचिव वैभव वालिया शामिल थे.
सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग के समक्ष दो तीन विषय उठाए हैं. सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा भाजपा के बड़े नेताओं के बयान हैं. हमने गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ शिकायत की है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों नेताओं ने तीन-चार ऐसे बयान दिए हैं जो उकसाने वाले, सांप्रदायिक, आपसी वैमनस्य और नफरत फैलाते हैं। सिंघवी ने कहा कि भाजपा के नेताओं की तरफ से कांग्रेस के खिलाफ निराधार आरोप लगाए गए हैं तथा अल्पसंख्यकों के विरूद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं. उनका कहना था, ‘‘हमने आयोग से कहा कि यह चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है।’’ सिंघवी ने कहा, ‘‘हमने मांग की है कि कार्रवाई होनी चाहिए. कोई व्यक्ति कितने भी बड़े पद पर हो, कानून सबके लिए बराबर है. हमने आग्रह किया कि ऐसे नेताओं को चुनाव प्रचार से रोक देना चाहिए.’
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के विरोध में बीजेपी के चार सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की. खड़गे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. इसके साथ ही खड़गे को कर्नाटक चुनाव प्रचार करने से रोकने की भी मांग की गई. इस प्रतिनिधिमंडल में भूपेंद्र यादव, तरुण चुग, अनिल बलूनी और ओम पाठक शामिल हैं.