BJP: कर्नाटक में कांग्रेस के लिए जमीन आवंटन का मुद्दा गले की फांस बनता जा रहा है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पहले ही इस मामले में जांच का सामना कर रहे हैं. अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के परिवार द्वारा बेंगलुरु में पांच एकड़ आवंटित जमीन को लौटाए जाने के मामले में राजनीति तेज हो गयी है. भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भूमि सौदे के भ्रष्टाचार में लिप्त है. मामला सामने आने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष जमीन लौटाने की नौटंकी कर रहे हैं.
जबकि मामला सामने आने के बाद नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को कहा कि कैग रिपोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणी और कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष के परिवार ने ट्रस्ट के लिए आवंटित जमीन को लौटाने का निर्णय लिया है. इस फैसले से साफ है कि गलत तरीके से भूमि आवंटन किया गया था. ऐसे में कानूनी कार्यवाही के दौरान होने वाली फजीहत से बचने के लिए खरगे परिवार ने जमीन लौटाने का फैसला लिया.
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बन गया है प्रापर्टी डीलर
भाजपा के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व भूमि लेनदेन से संबंधित भ्रष्टाचार में शामिल है. कर्नाटक में मुख्यमंत्री से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य नेता अवैध भूमि लेनदेन में शामिल है. ऐसा लगता है कि राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान अब अवैध प्रॉपर्टी डीलर के दुकान में तब्दील हो गयी है. खरगे और सिद्धारमैया के परिवार के सदस्यों द्वारा जमीन लौटाने की पेशकश अपराध की स्वीकारोक्ति है. सत्ता का दुरुपयोग करके भूमि को हड़पने का काम कर्नाटक में कांग्रेस में सर्वोच्च स्तर पर हो रहा था.
उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा कि सिर्फ जमीन वापस करने से काम नहीं चलेगा. नैतिकता के आधार पर जमीन हासिल करने वाले नेताओं को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. कांग्रेस नेताओं ने अवैध जमीन आवंटन को दबाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन अदालत के आदेश पर मामला दर्ज किया गया. वैसे कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व आरोपी है. गांधी परिवार नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी हैं. जमीन से जुड़े ऐसे आरोप अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार समेत अन्य लोगों के खिलाफ लगाए गए हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व जमीन घोटाला और भ्रष्टाचार में लिप्त है.
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