नई दिल्ली : भारत में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव संपन्न हो गए. इन दोनों चुनावों में एनडीए के उम्मीदवार जीत हासिल कर देश के संवैधानिक पदों पर आसीन हो गए. स्वतंत्रता दिवस के 75वें साल पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम भी अब अपने आखिरी पड़ाव पर हैं. ऐसे में, देश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब 2024 के चुनाव में किला फतह करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है.
राजनीतिक विश्लेषकों और मीडिया की खबरों की मानें, तो अभी हाल के दिनों में भाजपा संसदीय बोर्ड में किया गया बदलाव मिशन 2024 का ही एक हिस्सा है. अटकलें तो यह भी लगाई जा रही हैं कि मिशन 2024 का किला फतह करने के लिए भाजपा अपने टॉप ऑर्डर के पदों पर भी जल्द ही कोई बड़ा बदलाव कर सकती है.
उधर, विपक्ष ने भी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए को टक्कर देने के लिए पूरी तरह से कमर कस लिया है. इसके तहत विपक्ष ने बिहार में हुए बड़े राजनीतिक बदलाव के साथ नए राष्ट्रवादी सिद्धांतों के साथ नई चुनौतियों का सामना करने के लिए चरणबद्ध तरीके से अपनी रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी पार्टी की रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ देशव्यापी रैली और मार्च निकालने के लिए खुद को तैयार कर चुके हैं. इससे कांग्रेस को उम्मीद है कि उसके 2024 के आम चुनाव में पार्टी को पहले के चुनावों के मुकाबले बढ़त जरूर मिलेगी.
मीडिया की खबरों में लगाई जा रहीं अटकलों पर भरोसा करें, तो महाराष्ट्र में मिशन लोटस के तहत शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे का समर्थन करके उद्धव ठाकरे को सत्ता से बाहर करना और फिर उसके बाद अभी हाल ही में संसदीय बोर्ड से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बिहार में भाजपा के युवा नेता शाहनवाज हुसैन को बाहर किया जाना भाजपा की नई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों की मानें, तो बिहार में मिशन लोटस के तहत सियासी बदलाव होने से पहले ही सत्तारूढ़ दल को बड़ा झटका लगा है और नीतीश कुमार ने संसदीय राजनीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए भाजपा का साथ छोड़कर अपने पुराने साथी और बड़े भाई की पार्टी राजद का दामन थाम लिया. उनके इस कदम से विपक्ष को बड़ा बल मिला है.
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मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र प्रकरण और संसदीय बोर्ड में बदलाव के बाद अब भाजपा का अगला मुहिम पार्टी में टॉप ऑर्डर के पदों पर बड़ा बदलाव करने की है. बताया यह भी जा रहा है कि भाजपा मिशन 2024 को परवान चढ़ाने के लिए उन सभी कमजोर कड़ियों को बाहर करने की मुहिम में जुटी है, जिससे उसे नुकसान होने का अंदेशा है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि भाजपा अपने टॉप ऑर्डर के किन-किन पदों पर बदलाव करेगी.