17.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

BJP: दिल्ली की जीत भाजपा के लिए क्यों है अहम

हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में विपरीत परिस्थिति के बाद मिली जीत से ब्रांड मोदी एक बार फिर मजबूत हुआ, लेकिन पार्टी की असली चुनौती दिल्ली में जीत हासिल करने की थी. केजरीवाल जैसे मजबूत प्रतिद्वंदी को मात देना आसान नहीं था. लेकिन तीसरी बार में भाजपा केजरीवाल को शिकस्त देने में कामयाब रही.

BJP: दिल्ली में भाजपा पिछले तीन लोकसभा चुनाव से सभी सीट पर जीत हासिल कर रही थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी को कामयाबी नहीं मिल पा रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के कारण कई राज्यों जैसे त्रिपुरा, असम, ओडिशा, हरियाणा में अपने दम पर सरकार बना चुकी भाजपा दिल्ली में आम आदमी पार्टी से मात खा जाती थी. पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रहे, लेकिन भाजपा अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी. इसके बाद विपक्ष की ओर से ब्रांड मोदी की चमक कम होने की बात कही जाने लगी. लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में विपरीत परिस्थिति के बाद मिली जीत से ब्रांड मोदी एक बार फिर मजबूत हुआ. लेकिन पार्टी के लिए असली चुनौती दिल्ली में जीत हासिल करने की थी. केजरीवाल जैसे मजबूत प्रतिद्वंदी को मात देना आसान नहीं था. लेकिन तीसरी बार में भाजपा केजरीवाल को शिकस्त देने में कामयाब रही. 

केंद्र के फैसले का जीत में अहम रोल 

दिल्ली की जीत में केंद्र सरकार के फैसले को अहम माना जा रहा है. आयकर छूट की सीमा 12 लाख रुपये करने का असर मध्य वर्ग पर पड़ा और प्रधानमंत्री ने दिल्ली के लोगों को यह भरोसा दिया कि जीतने पर जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद नहीं किया जायेगा. प्रधानमंत्री की ओर से भाजपा के संकल्प पत्र के वादों को पूरा करने की भी बात कही गयी. ऐसे में दिल्ली के लोगों ने प्रधानमंत्री के वादे पर भरोसा किया. दिल्ली की जीत से ब्रांड मोदी और मजबूत हुआ है और यह जीत कई मायनों में भाजपा के लिए अहम है. इस जीत के बाद भाजपा पूरे उत्साह से बिहार चुनाव में उतरेगी और इसका सकारात्मक असर कार्यकर्ताओं पर दिखेगा.

क्षेत्रीय दलों के सामने कमजोर होने का नैरेटिव होगा कमजोर

विपक्षी दल और राजनीतिक विश्लेषक अक्सर कहा करते थे कि भाजपा आसानी से कांग्रेस को हरा देती है, लेकिन मजबूत क्षेत्रीय दलों के सामने पार्टी हार जाती है. आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, झामुमो जैसे दलों का उदाहरण दिया जाता था. भाजपा ने सीधी लड़ाई में आम आदमी पार्टी को हराकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह क्षेत्रीय दलों से भी मजबूती से मुकाबला करने में सक्षम है. दिल्ली की जीत के बाद भाजपा अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव पर विशेष फोकस करेगी. केजरीवाल की तरह ही ममता बनर्जी की छवि भी भाजपा के खिलाफ आक्रामक तरीके से लड़ने की रही है. 

मोदी की गारंटी पर ज्यादा भरोसा

दिल्ली जीतने के बाद भाजपा अब यह प्रचारित करेगी कि लोगों को किसी दूसरे नेता की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर अधिक भरोसा है. साथ ही किसी दूसरे नेता की बजाय लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईमानदारी पर अधिक भरोसा है. केजरीवाल की तरह ममता बनर्जी भी जनकल्याणकारी योजनाओं और अपनी छवि के कारण अलग पहचान बनाई हुई है. जबकि दिल्ली की तरह पश्चिम बंगाल में भी भ्रष्टाचार के कारण कई मंत्रियों को जेल जाना पड़ा है. हालांकि भाजपा को उम्मीद है कि जैसे केजरीवाल की छवि को भाजपा ने ब्रांड मोदी से कमजोर किया है, वैसा ही बंगाल में आने वाले समय में होगा. यही नहीं दिल्ली की जीत से एनडीए के अंदर भी भाजपा पहले से अधिक मजबूत दिखायी देगी और सहयोगी दल दबाव बनाने की स्थिति में नहीं होंगे. 

Acg8Ockhcaqce58Ktry394Fxkh0Ojjw2Zyecfpk1U72Xdv Wfa0Jig=S40 P MoReplyForward

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें