BJP: दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप की सियासत तेज हो गयी है. भाजपा ने दिल्ली में मतदाताओं की संख्या बढ़ने पर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है. भाजपा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सत्ता में बने रहने के लिए मतदाता सूची से खिलवाड़ कर रही है. शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में 1.19 करोड़ मतदाता थे, यह संख्या वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में बढ़कर 1.33 करोड़ हो गयी. फिर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 1.39 करोड़ हो गयी.
वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव और वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के चार साल के दौरान दिल्ली में मतदाताओं की संख्या में 6 लाख की वृद्धि होती है. जबकि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 1.48 करोड़ हो जाती है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पांच महीने के अंदर हुए वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में आखिर कैसे 9 लाख मतदाता बढ़ गए. यह खेल आम आदमी पार्टी खेल रही है. मतदाता सूची में फर्जी लोगों का नाम जोड़ा जा रहा है. वर्ष 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में दिल्ली में मतदाताओं की संख्या 1.53 करोड़ हो गयी. एक बार फिर आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले लाखों लोगों का नाम मतदाता सूची में जोड़ने के खेल में जुटी है.
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फर्जी मतदाताओं के सहारे चुनाव जीतने की कोशिश में आप
सचदेवा ने कहा ऐसे कई लोग है जिनकी काफी समय पहले मौत हो चुकी है, लेकिन उनका नाम मतदाता सूची में शामिल है. दिल्ली चुनाव आयोग की शिकायत पर पुलिस ने शाहीन बाग में ऐसे मामले में मुकदमा दर्ज किया है. आम आदमी पार्टी साजिश कर ऐसे लोगों का नाम मतदाता सूची में जोड़वा रही है, जो दिल्ली में नहीं रहते हैं. अरविंद केजरीवाल ने यह काम 2015 में और 2020 में कर चुके हैं, लेकिन इस बार भाजपा ऐसा नहीं होने देगी. ऐसे कई लोगों के नाम जोड़े गए है जिसे कोई नहीं जानता है. यह धांधली सिर्फ एक विधानसभा सीट पर नहीं है.
नयी दिल्ली सीट पर भी ऐसे कई मामले सामने आए है. भाजपा ऐसे फर्जी मतदाताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग करती है. सही से अगर जांच की गयी तो ऐसे लाखों फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाना होगा. सत्ता पर काबिज होने के लिए केजरीवाल किसी स्तर तक जा सकते हैं. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि भाजपा लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाने की साजिश कर रही है. इस बारे में केजरीवाल ने चुनाव आयोग को ज्ञापन भी सौंपा था.