35 साल में लोकसभा में कई गुना मजबूत हुई बीजेपी, 2 सीट से हुई थी सफर की शुरुआत
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सबसे खास बात की बीजेपी की शुरुआत महज दो सीटों से हुई थी. लेकिन 35 साल के लंबे संघर्ष में बीजेपी ने फर्श से अर्श तक का सफर तय कर लिया है.
राजनीतिक गलियारों में बीजेपी की स्थापना युगांतकारी घटना मानी जाती है. यूं तो इसकी स्थापना 1980 में हुई थी लेकिन इसकी बुनियाद स्वतंत्रता सेनानी श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में ही भारतीय जनसंघ बनाकर कर दी थी. जनसंघ की तरह बीजेपी की शुरुआत काफी कठिनाइयों वाला रहा. 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में जो आम चुनाव हुए थे उसमें बीजेपी को महज दो सीटें मिली थी.
बीजेपी ने उठाया राम मंदिर का मुद्दा
बीजेपी की स्थापना के बाद अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष बने थे. इसके बाद 1986 में अध्यक्ष पद की कमान लालकृष्ण आडवाणी के हाथ में आयी. आडवाणी ने अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा पूरे देश में जोर-शोर से उठाया. साथ ही इसके निर्माण की मांग को लेकर राम जन्मभूमि आंदोलन छेड़ दिया. रथ यात्राएं निकाली गई. बीजेपी ने भगवान राम को सबसे बड़ी चुनावी मुद्दा बना दिया. यहीं मुद्दा बीजेपी के लिए बाद में वरदान साबित हुई. 1989 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 86 सीटों पर जीत दर्ज की. 1991 के चुनाव में बीजेपी देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. बीजेपी ने 120 सीटों पर जीत का परचम लहरा दिया.
हालांकि 2004 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2009 में फिर भी बीजेपी की हार का सिलसिला जारी रहा. कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए गठबंधन से बीजेपी लीड एनडीए चुनाव हार गयी. इसके बाद साल 2014 के चुनाव में बीजेपी ने गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव लड़ा. इसी साल से बीजेपी में मोदी युग की शुरुआत भी मानी जाती है. मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार करते हुए बीजेपी ने केंद्र में अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पार किया. 282 सीटें जीतकर बीजेपी ने पहली बार केंद्र में अपने दम पर सरकार बनाई. हालांकि सरकार में एनडीए सहयोगियों को भी शामिल किया गया. वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में भी पीएम मोदी का जादू चला और बीजेपी ने 303 सीटों पर जीत दर्ज की.
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Year | Legislature | Party leader | Seats Contested | Seats won | Change in seats | Percentage of votes | Vote swing | Outcome | Ref. | |
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1984 | 8th Lok Sabha | Lal Krishna Advani | 229 | 2 / 541 | 2 | 7.74% | – | Opposition | [1][2] | |
1989 | 9th Lok Sabha | Lal Krishna Advani | 225 | 85 / 545 | 83 | 11.36% | 3.62% | Outside support for NF | [3] | |
1991 | 10th Lok Sabha | Lal Krishna Advani | 477 | 120 / 545 | 35 | 20.11% | 8.75% | Opposition | [4] | |
1996 | 11th Lok Sabha | Atal Bihari Vajpayee | 471 | 161 / 545 | 41 | 20.29% | 0.18% | “Government | later opposition” | [5] |
1998 | 12th Lok Sabha | Atal Bihari Vajpayee | 388 | 182 / 545 | 21 | 25.59% | 5.30% | Government | [6] | |
1999 | 13th Lok Sabha | Atal Bihari Vajpayee | 339 | 182 / 545 | 23.75% | 1.84% | Government | [7] | ||
2004 | 14th Lok Sabha | Atal Bihari Vajpayee | 364 | 138 / 543 | 44 | 22.16% | 1.69% | Opposition | [8] | |
2009 | 15th Lok Sabha | Lal Krishna Advani | 433 | 116 / 543 | 22 | 18.80% | 3.36% | Opposition | [9] | |
2014 | 16th Lok Sabha | Narendra Modi | 425 | 282 / 543 | 166 | 31.34% | 12.54% | Government | [10] | |
2019 | 17th Lok Sabha | Narendra Modi | 437 | 303 / 543 | 21 | 37.46% | 6.12% | Government | [11] |