नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले सप्ताह जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू ) में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किये जाने के बाद से विश्वविद्यालय का नाम बदलने की मांग उठने लगी है. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 नवंबर, गुरुवार को जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया था.
It is Swami Vivekananda who stood for the "Idea of Bharat". His philosophy & values signify the "Strength of Bharat".
It is only right that Jawaharlal Nehru University be renamed as Swami Vivekananda University.
Life of Bharat's patriotic Saint will inspire generations to come.
— C T Ravi 🇮🇳 ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) November 16, 2020
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव सी टी रवि ने जेएनयू का नाम बदलने की मांग करते हुए कहा है कि ”स्वामी विवेकानंद ‘भारत के विचार’ के लिए खड़े थे. उनके दर्शन और मूल्य ‘भारत की ताकत’ को दर्शाते हैं. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम बदल कर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय कर दिया जाये. भारत के देशभक्त संत का जीवन आनेवाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा.”
मालूम हो कि गोवा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के प्रभारी बनाये गये भाजपा के महासचिव सी टी रवि के पहले भी जेएनयू का नाम बदलने की मांग उठ चुकी है. उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद हंसराज हंस ने पिछले साल 2019 के अगस्त में जेएनयू का नाम बदलने की मांग उठायी थी.
कर्नाटक के सी टी रवि द्वारा जेएनयू का नाम बदलने की मांग उठाते हुए सोमवार को ट्वीट किये जाने के बाद जेएनयू के छात्रों ने आपत्ति जतायी है. छात्रों का कहना है कि जेएनयू का पांच दशकों का इतिहास रहा है. यहां हर वर्ग के छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं. साथ ही छात्रों ने कहा है कि भाजपा की अगर जेएनयू में रुचि है तो सभी राज्यों में जेएनयू जैसे विश्वविद्यालय की स्थापना करे.
मालूम हो कि वामपंथियों का गढ़ माना जानेवाला जेएनयू पिछले कुछ वर्षों में काफी चर्चा में रहा है. संसद में हमले के दोषी करार दिये गये अफजल गुरु की पुण्यतिथि मनाने को लेकर प्रदर्शन के दौरान देश विरोधी नारे लगे थे. उसके बाद से देश विरोधी गतिविधियों के आरोप जेएनयू पर लगातार लगते रहे हैं.