Delhi AAP Liquor Policy: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई कार्यकर्ताओं ने आज दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (CM Manish Sisodia) के आवास के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. वे आम आदमी पार्टी (आप) की नई शराब नीति का विरोध कर रहे थे. पुलिस ने बैरिकेड्स तोड़ने के बाद प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है.
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री और भाजपा की नेता मीनाक्षी लेखी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने नियमों और प्रक्रिया का उल्लंघन कर शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ‘गुटबंदी’ को बढ़ावा दिया है. दिल्ली के उप राज्यपाल वी.के.सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की है, जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया का बचाव किया है.
#WATCH | Delhi BJP leader and workers protest against the new Liquor Policy of the AAP Government, outside the residence of Delhi Deputy CM Manish Sisodia.
The protesters are being detained by Police. pic.twitter.com/wammLOVxFC
— ANI (@ANI) July 23, 2022
मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए लेखी ने कहा कि शराब के कारोबार में हुए बड़े ”घोटाले” की वजह से राजकोष को भारी नुकसान हुआ है. मीनाक्षी लेखी ने कहा, आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर ‘गुटबंदी’ को बढ़ावा दिया.” लेखी ने दावा किया कि लाइसेंसधारियों को करीब 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी गई, जबकि एक कंपनी को पेशगी के तौर पर जमा 30 करोड़ की राशि नियमों और प्रक्रिया का अनुपालन किए बिना लौटा दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने 849 शराब की निजी दुकानों को खोलने के लिए शहर को 32 जोन में बांटा था और उनमें से दो जोन का लाइसेंस काली सूची में दर्ज एक कंपनी को दे दिया.
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दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के पूर्वोत्तर सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आबकारी नीति की सीबीआई जांच से कई चीजों पर हवा साफ हो जाएगी, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या कोई घोटाला था और क्या इसके माध्यम से अर्जित धन पंजाब विधानसभा चुनावों में खर्च किया गया था. तिवारी ने कहा, “केजरीवाल सीबीआई जांच से क्यों बेचैन हैं, जो दिल्ली के लोगों के मन में उठ रहे कई सवालों का जवाब देगी, जैसे कि क्या नीति को लागू करने में घोटाला हुआ था और क्या इसके माध्यम से कमाया गया पैसा पंजाब चुनावों के दौरान खर्च किया गया था.”