‘चुनाव जीतने के लिए दलित-आदिवासी का इस्तेमाल करती है BJP’, नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर खरगे का जोरदार हमला
मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराये जाने की मांग करते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है तो इससे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दिखेगी.
संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार फिर कहा है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से ही कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि नयी संसद के शिलान्यास के समय तत्कालीन राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया था, इस बार उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू को नहीं बुलाया गया है. खरगे ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी कहती है कि हम एससी/एसटी को महत्व देते हैं, लेकिन उन्हें महत्व और सम्मान नहीं देते हैं जहां इसे दिया जाना चाहिए.
The new Parliament building should be inaugurated by the President. At the time of the foundation laying of the new Parliament, the then President wasn't invited, this time President Murmu hasn't been invited to the inauguration ceremony. They (BJP) say they give importance to… pic.twitter.com/hORBvkeumJ
— ANI (@ANI) May 22, 2023
राष्ट्रपति का पद महज प्रतीकात्मक- खरगे: मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद के नये भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है तो इससे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दिखेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सरकार में राष्ट्रपति का पद महज प्रतीकात्मक बनकर रह गया है. इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि संसद के नए भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं, बल्कि राष्ट्रपति मुर्मू को करना चाहिए.
राजनीति लाभ लेने की कोशिश: गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. उद्घाटन को लेकर खरगे ने एक ट्वीट कर कहा था कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने दलित और आदिवासी समुदायों से राष्ट्रपति इसलिए चुना ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया.
मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी इस समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि संसद भारतीय गणराज्य की सर्वोच्च विधायी संस्था है और राष्ट्रपति सर्वोच्च संवैधानिक पद है. राष्ट्रपति मुर्मू सरकार, विपक्ष और हर नागरिक का प्रतिनिधित्व करती हैं. वह भारत की प्रथम नागरिक हैं.
रिकार्ड समय में बना है भवन: बता दें, भारत का नया संसद भवन रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है. पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी. नए संसद भवन का कंस्ट्रक्शन टाटा प्रोजेक्ट ने किया है, लेकिन इस बिल्डिंग को डिजाइन आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने किया है. बिमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद शहर से आते हैं. वो इससे पहले भी कई मशहूर इमारतों को भी डिजाइन कर चुके हैं.
भाषा इनपुट से साभार