BJP President: भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को दिसंबर महीने के पहले पखवाड़े में नया अध्यक्ष मिलने की संभावना है. बीजेपी ने संगठनात्मक चुनावों की समीक्षा के दौरान सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे दिसंबर के पहले सप्ताह तक अपने राज्यस्तरीय चुनावों की प्रक्रिया पूरी कर लें. पार्टी के भीतर विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, जिसमें दक्षिण भारत से नया नेतृत्व लाने का प्रस्ताव भी शामिल है, ताकि सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को संतुलित किया जा सके. इसके अलावा, सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए पार्टी सवर्ण समुदाय को भी फिर से प्रमुख भूमिका में ला सकती है.
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के बाद BJP में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा. बूथ, मंडल, जिला और प्रदेश स्तर के चुनावों को दिसंबर के पहले सप्ताह तक समाप्त करने की योजना है. इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा. BJP के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब आधे राज्यों के संगठनात्मक चुनाव पूरे हो चुके हों. इस स्थिति में, 50 फीसदी राज्यों के चुनाव पूर्ण होने के बाद नए अध्यक्ष के चुनाव का मार्ग प्रशस्त होगा.
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सूत्रों के मुताबिक, मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक खरमास का समय रहता है, जिसके दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाएगा. इस वजह से भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष भी इस अवधि में पदभार संभालने से बचेगा. चूंकि जनवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, भाजपा के पास नए संगठन को स्थापित करने और चुनाव अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिक समय नहीं होगा. इस स्थिति में, महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव परिणाम आते ही पार्टी अपने संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया में तेजी लाएगी ताकि नया संगठन दिसंबर के पहले पखवाड़े के अंत तक कार्यभार संभाल सके. सूत्रों के अनुसार, भाजपा की केंद्रीय सत्ता में मजबूती के साथ संगठन के विस्तार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
दक्षिण भारत से नेतृत्व मिलने की संभावना
संभावना जताई जा रही है कि भाजपा इस बार दक्षिण भारत के किसी नेता को नेतृत्व सौंप सकती है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान भी बंगारू लक्ष्मण, जना कृष्णमूर्ति और वेंकैया नायडू जैसे दक्षिण भारतीय नेता अध्यक्ष बने थे. संघ के सूत्रों का मानना है कि भाजपा के लिए इस समय दक्षिण भारत में विस्तार के लिए वहां के किसी नेता को आगे लाना बेहतर होगा. इसके साथ ही, पार्टी अपने काडर और कोर समर्थकों को जोड़े रखने के लिए सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिहाज से सवर्ण समुदाय से ही अध्यक्ष चुन सकती है.
जिन नामों पर हो रही चर्चा
मनोहर लाल खट्टर, देवेंद्र फडणवीस, धर्मेंद्र प्रधान, जी. किशन रेड्डी, शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे नामों की चर्चा अध्यक्ष पद के लिए हो रही है.