नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी 20-21 मई को राजस्थान की राजधानी जयपुर में पार्टी संगठन से जुड़े देश भर के नेताओं की एक बैठक बुलायी है, जिसमें आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीतियों के साथ ही वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर भी चर्चा की जाएगी. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुलाबी नगरी में होने जा रही इस बैठक के किसी एक सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर सकते हैं. इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे. पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा प्रदेशों के अध्यक्ष, केंद्रीय प्रभारी और संगठन महामंत्री भी इसमें मौजूद रहेंगे.
देश में कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद भाजपा नेताओं की यह पहली ऐसी बैठक होगी, जिसमें सभी मौजूद रहेंगे. महामारी के दौरान पार्टी ने बैठकों का आयोजन तो किया, लेकिन वह सभी बैठकें वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गयीं. सभी नेताओं की एक बैठक 20 मई को होगी, जबकि अगले दिन पार्टी के शीर्ष नेता और संगठन महामंत्रियों की बैठक होगी.
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ज्ञात हो कि भाजपा में संगठन महामंत्री का पद बहुत शक्तिशाली माना जाता है. संगठन महामंत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिनिधि होते हैं और वे पार्टी और संघ के बीच समन्वय का काम भी देखते हैं. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण कुमार की ओर से किये गये एक संवाद में प्रदेश अध्यक्षों और राज्यों के संगठन महामंत्रियों को अपने-अपने राज्यों में चलाये गये कार्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में रिपोर्ट लाने को कहा है.
कांग्रेस शासित राजस्थान में इस बैठक के आयोजन का राजनीतिक रूप से बहुत महत्व है, क्योंकि हाल में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के अलावा अन्य मुद्दों पर भाजपा राज्य की अशोक गहलोत सरकार को घेरने में जुटी हुई है. कांग्रेस का ‘चिंतन शिविर’ भी 13 मई को राजस्थान के उदयपुर में होने वाला है. राजस्थान में अगले साल के मध्य में विधानसभा चुनाव होने हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में गुजरात, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा हो सकती है. हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा था. पार्टी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित चार राज्यों में जीत हासिल की. इस जीत से उत्साहित पार्टी ने अब आगामी चुनाव वाले राज्यों में अपनी गतिविधियां तेज कर दी है. गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.