Manipur Violence:’कांग्रेस की गलतियों की सजा भुगत रहा है मणिपुर’, बीजेपी सांसद ने लगाया आरोप
राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह और इनर मणिपुर से भाजपा सांसद ने कहा मणिपुर हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा"मणिपुर में शुरुआत से लेकर 2017 तक कांग्रेस का शासन था... उन्होंने जो भी गलतियां कीं, वह आज की हिंसा और उनके भ्रष्टाचार, हल्के प्रशासन के कारण हुई हैं.. "
राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह और इनर मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा सांसद कहते हैं, “मणिपुर में शुरुआत से लेकर 2017 तक कांग्रेस का शासन था… उन्होंने जो भी गलतियां कीं, वह आज की हिंसा और उनके भ्रष्टाचार, हल्के प्रशासन के कारण हुई हैं.. ” पहाड़ी क्षेत्रों में विकास की असमानता, और कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई अनुचित शिक्षा की वजह से मणिपुर का आज ये हाल है”
#WATCH | MoS Rajkumar Ranjan Singh & BJP MP from Inner Manipur constituency, says, "Manipur was ruled by Congress right from the beginning up to 2017… Whatever blunders committed by them is the fallout of today's violence and because of their corruption, mild administration,… pic.twitter.com/91Il7URfvf
— ANI (@ANI) July 9, 2023
मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं
आपको बताएं कि, मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों लोग विस्थापित होकर राहत शिविरों में रह रहे हैं. अर्धसैनिक बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद, राजनीतिक नेताओं के घरों को जलाए जाने, बड़े पैमाने पर लूटपाट और आगजनी के साथ छिटपुट हिंसा होती रहती है.
बीजेपी कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना से कांग्रेस और भाजपा के बीच विवाद शुरू हो गया, सबसे पुरानी पार्टी ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी नहीं चाहती कि कोई भी मणिपुर में प्रवेश करे. भाजपा ने आरोपों को खारिज कर दिया और तर्क दिया कि राहुल गांधी को मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था और सड़क पर यात्रा करने के लिए माहौल अनुकूल नहीं था. वहीं अब बीजेपी के राज्यमंत्री ने मणिपुर हिंसा के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है.
तेई समुदाय और आदिवासी कुकी के बीच जातीय संघर्ष
आपको बताएं, बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और आदिवासी कुकी के बीच जातीय संघर्ष के कारण मणिपुर पूरे दो महीने से जल रहा है. अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मैतेई की मांग के विरोध में 3 मई को राज्य के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित होने के बाद तनाव बढ़ गया. मणिपुर की आबादी में मेइतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. आदिवासी – नागा और कुकी – आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं.