Modi Cabinet 2021: पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का बुधवार की शाम विस्तार किया गया. कई मायनों में यह विस्तार कम और फेरबदल ज्यादा रहा. कई चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया, कई नए चेहरों को शामिल किया गया. बंगाल के चार सांसदों (शांतनु ठाकुर, डॉ. सुभाष सरकार, जॉन बारला और निशीथ प्रमाणिक) को केंद्रीय राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है.
बड़ी बात यह है निशीथ प्रणाणिक की उम्र महज 35 साल है और वो मोदी कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कूच बिहार सीट से बीजेपी के टिकट पर निशीथ प्रमाणिक चुनाव जीते थे. बीजेपी से पहले निशीथ टीएमसी में रह चुके हैं. निशीथ प्रमाणिक प्राइमरी स्कूल टीचर थे और बीसीए की डिग्री हासिल की है. इस डिग्री पर टीएमसी ने सवाल भी किया है.
कूचबिहार के टीएमसी नेता पार्थ प्रतिम रॉय ने निशीथ प्रमाणिक की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए हैं. पार्थ प्रतिम रॉय ने अपने फेसबुक पोस्ट में जिक्र किया है कि सांसदों की वेबसाइट में सांसद की शैक्षणिक योग्यता बीसीए है. वहीं, चुनावी हलफनामे में उनकी हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन माध्यमिक है. इसके बारे में निशीथ प्रमाणिक क्या कहेंगे?
निशीथ प्रमाणिक की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल
अब, बात करते हैं निशीथ प्रमाणिक की. उनका उत्तर बंगाल के राजवंशी समुदाय पर काफी प्रभाव माना जाता है. इस इलाके में बीजेपी निशीथ प्रमाणिक को गेमचेंजर के रूप में भी देखती है. इस साल के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में निशीथ प्रमाणिक को बीजेपी ने दिनहाटा सीट से मैदान में उतारा था. वो चुनाव भी जीते थे. बाद में उन्हें सांसद ही रहने की सलाह दी गई थी.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी सांसद निशीथ प्रमाणिक ने बीजेपी को उत्तर बंगाल में आगे बढ़ाने के लिए काफी काम किया है. उसी का नतीजा इस साल के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों में भी दिखा था. दो मई को निकले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के रिजल्ट में बीजेपी ने उत्तर बंगाल में करीब तीस सीटें जीती थी. कहीं ना कहीं बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने दिमाग में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को भी रखा है. क्योंकि, जिस तरह से बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में तीन से 77 सीटों का सफर तय किया है. उसका सीधा फायदा साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में देखने को मिलने की संभावना दिख रही है. पार्टी की निशीथ पर भी नजर है.
यहां जिक्र करना जरूरी है कि बीजेपी ने बाबुल सुप्रीयो, लॉकेट चटर्जी को भी बंगाल विधानसभा चुनाव में उतारा था. सांसद रहते हुए भी दोनों अपनी सीटें बचाने में कामयाब नहीं हो सके थे. बाबुल सुप्रियो को टॉलीगंज और लॉकेट चटर्जी को चुंचुड़ा विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था. निशीथ प्रमाणिक जैसे युवा को कैबिनेट में शामिल करके कहीं ना कहीं बीजेपी सेंट्रल कमेटी ने मैसेज दिया है कि बेहतर प्रदर्शन के आधार पर ही कैबिनेट में काम करने का अवसर मिलेगा.