Gujarat Election 2022: गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से बागी बने बीजेपी के सीटिंग विधायक पार्टी के लिए परेशानी का कारण बने हुए है. टिकट कटने से नाराज बीजेपी के विधायकों की इस सूची में वडोदरा के वाघोडिया सीट से बाहुबली विधायक मधु श्रीवास्तव का नाम भी शामिल है. वड़ोदरा के कद्दावर नेता मधु श्रीवास्तव ने बीजेपी के खिलाफ बगावती तेवर दिखाते हुए अपना आखिरी चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ने का ऐलान किया है. बता दें कि मधु श्रीवास्तव 6 बार से वाघोडिया सीट पर कब्जा जमाए हुए हैं.
अपने विवादित बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले बाहुबली विधायक मधु श्रीवास्तव ने टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए बीजेपी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पार्टी और क्षेत्र में अच्छी पैठ होने के बावजूद बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने उनका टिकट काट दिया. इसको लेकर उनके समर्थकों में आक्रोश है. जिसको देखते हुए उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला किया है. छह बार से विधायक मधु श्रीवास्तव का अपने निर्वाचन क्षेत्र में खासा दबदबा है. बताया जाता है कि उनका अपने निर्वाचन क्षेत्र में काफी प्रभाव हैं. उन्होंने बताया कि इस चुनाव में वह किसी पार्टी से तो नहीं लड़ेंगे, लेकिन शिवसेना उनके साथ है.
2017 में मधु श्रीवास्तव ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और विजयी हुए थे. पिछली बार के चुनाव में उनका मुकाबला एक और दबंग उम्मीदवार धर्मेंद्र सिंह वाघेला से हुआ था. वाघेला अपने समर्थकों में बापू के नाम से जाने जाते हैं. मधु श्रीवास्तव का टिकट कटने के बाद धर्मेंद्र सिंह वाघेला फिर से निर्दलीय मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. अगर मधु श्रीवास्तव और धर्मेंद्र सिंह दोनों निर्दलीय लड़ते हैं, तो बीजेपी के लिए वाघोडिया पर कब्जा जमाना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि, चर्चा हो रही है कि अगर ऐसी स्थिति बनती है तो जो भी प्रत्याशी यहां से चुनाव जीतेगा, उसके फिर से बीजेपी में जाने की संभावना ज्यादा है.
बताया जाता है कि वडोदरा में उत्तर भारतीय समुदाय के मतदाताओं की अच्छी संख्या है. वाघोडिया में भी इनकी संख्या करीब 30 हजार के आसपास है. ऐसे में मधु श्रीवास्तव का टिकट कटने पर ये वोट बीजेपी के खिलाफ जा सकता हैं. वहीं, कांग्रेस इस सीट से वडोदरा के पूर्व सांसद सत्यजीत गायकवाड़ को मैदान में उतार सकती है. इधर, बीजेपी के प्रत्याशी अश्विन पटेल की जीत पूरी तरह से पार्टी के कोर वोट पर टिकी है. जबकि, आम आदमी पार्टी ने वाघोडिया से गौतम सोलंकी को मैदान में उतारा है. ऐसे में इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है.
बताया जाता है कि मधु श्रीवास्तव ने सुरेश मेहता सरकार को गिराने और शंकर सिंह वाघेला को मुख्यमंत्री बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. उस वक्त मधु श्रीवास्तव गुजरात विधानसभा में युवा विधायक थे और उनके इशारे पर करीब दस निर्दलीय विधायक चलते थे. जिसका फायदा विधानसभा की कार्यवाही में शंकर सिंह वाघेला ने उठाया था. सुरेश मेहता सरकार गिरने के बाद कुछ वक्त राष्ट्रपति शासन लागू रहा और बाद में शंकर सिंह वाघेला मुख्यमंत्री बने थे.
मधु श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की राठ तहसील के धमना गांव निवासी बाबूलाल के बेटे हैं. उनके पिता काफी समय पहले वडोदरा पहुंचे थे. 10 तक पढ़ाई के बाद मधु श्रीवास्तव ने राजनीति में कदम रखा और फिर अपने आक्रामक स्वभाव के चलते दबंग जनप्रतिनिधि की छवि बनाई. मधु श्रीवास्तव की छवि एक वर्ग में बाहुबली की है. अपने इलाके के लोगों के बीच मधु श्रीवास्तव बेहद लोकप्रिय है. यही वजह है कि बड़े-बड़े दिग्गज उन्हें नहीं हरा पाए और मधु श्रीवास्तव हर बार जीतते रहे.