Loading election data...

पंजाब में राजनीतिक दलों को सता रही दलित वोट की चिंता, चुनाव आयोग से कर रहे पोलिंग डेट आगे बढ़ाने की मांग

बता दें कि आगामी 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती है और यहां पर 14 फरवरी को मतदान होना है. गुरु रविदास जयंती के अवसर पर पंजाब से हजारों की संख्या में दलित उत्तर प्रदेश के बनारस जाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2022 9:03 AM

चंडीगढ़ : भारत के निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान कर दिया है. पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए भी मतदान की तारीख का ऐलान कर दिया गया है. पंजाब में आगामी 14 फरवरी को मतदान और 10 मार्च को मतगणना होनी है. मगर, इससे पहले राजनीति पार्टियों को दलितों के वोट की चिंता सताने लगी है. इसका कारण 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती का होना है.

बता दें कि आगामी 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती है और यहां पर 14 फरवरी को मतदान होना है. गुरु रविदास जयंती के अवसर पर पंजाब से हजारों की संख्या में दलित उत्तर प्रदेश के बनारस जाते हैं. अब चूंकि 14 को मतदान है और रविदास जयंती मनाने के लिए श्रद्धालु 10 फरवरी के आसपास ही पंजाब से बनारस के लिए रवाना हो जाएंगे. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों को इस बार के चुनाव में दलित वोटों का लाभ नहीं मिल सकेगा. इसी बात को लेकर सबसे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखकर मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की और अब भाजपा तथा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) समेत कई दलों ने भी मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की है.

क्यों तारीख बढ़वाना चाहती हैं पार्टियां?

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगियों पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी), शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) ने निर्वाचन आयोग से गुरु रविदास जयंती के मद्देनजर पंजाब में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की अपील की है. इससे पहले, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी निर्वाचन आयोग से इसी तरह का अनुरोध किया था. गुरु रविदास की जयंती 16 फरवरी को है.

भाजपा ने भी निर्वाचन आयोग को लिखी चिट्ठी

भाजपा की पंजाब इकाई के महासचिव सुभाष शर्मा ने रविवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे एक पत्र में चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी आबादी है, जो पंजाब की आबादी का लगभग 32 फीसदी है. शर्मा ने लिखा है कि इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के बनारस में गुरुपर्व मनाने के लिए जाएंगे. इस कारण से उनके लिए मतदान प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं होगा. इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि मतदान की तिथि को आगे बढ़ाया जाए, ताकि पंजाब के ये मतदाता चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकें.

अमरिंदर सिंह ने मतदान एक सप्ताह टालने की मांग की

वहीं, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) ने भी चुनाव एक सप्ताह के लिए टालने की मांग का समर्थन किया है. पीएलसी के महासचिव कमल सैनी ने निर्वाचन आयोग को लिखे एक पत्र में कहा कि पंजाब से हर साल गुरु रविदास जयंती के आसपास हजारों की संख्या में लोग बनारस जाते हैं. चूंकि, चुनाव गुरु रविदास जयंती से दो दिन पहले निर्धारित हैं, इसलिए कई मतदाताओं अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के अवसर से वंचित हो सकते हैं, क्योंकि वे वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए बनारस जाएंगे.

Also Read: पंजाब में टल सकता है चुनाव, चरणजीत सिंह चन्नी के बाद भाजपा ने की EC से मतदान की तारीख बदलने की मांग
सीएम चन्नी ने शनिवार को ही लिखी थी चिट्ठी

बताते चलें कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सबसे पहले 13 जनवरी को निर्वाचन आयोग से मतदान की तारीख छह दिन के लिए आगे बढ़ाने का आग्रह किया था, ताकि अनुसूचित जाति के 20 लाख लोग राज्य विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें. अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा था कि 10 से 16 फरवरी तक राज्य से बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के श्रद्धालुओं के उत्तर प्रदेश के बनारस जाने की संभावना है. ऐसे में इस समुदाय के कई लोग राज्य विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे.

Next Article

Exit mobile version