BJP: आम आदमी पार्टी-कांग्रेस के बीच घमासान से भाजपा खुश

दिल्ली में लगभग तीन दशक से भाजपा सत्ता से दूर है. आम आदमी पार्टी को पिछले दो चुनाव शानदार सफलता मिली है. कांग्रेस के सिमटते जनाधार का फायदा आम आदमी पार्टी को हुआ है. भाजपा का मानना है कि अगर कांग्रेस दिल्ली में मजबूत होगी तो आम आदमी पार्टी को नुकसान होना तय है और इसका फायदा पार्टी को होगा.

By Vinay Tiwari | December 26, 2024 4:11 PM

BJP: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन के घटक दल कांग्रेस और आम आदमी के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. कांग्रेस नेता अजय माकन के केजरीवाल को देशद्रोही कहने वाले बयान को लेकर आम आदमी पार्टी ने सख्त रवैया अपनाया है और कांग्रेस को इंडिया गठबंधन से बाहर करने के लिए सहयोगी दलों से बातचीत करने की बात कही है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बढ़ती तल्खी पर भाजपा ने तंज कसा है. भाजपा ने कहा कि 6 महीने पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा. अब दिख रहा है कि दोनों पार्टियों का गठबंधन सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ था. यही नहीं इससे साफ जाहिर होता है कि इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के दिल में एक-दूसरे के लिए कैसी भावना है.

गुरुवार को भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली की जनता सब देख रही है और दोनों दल में काेई भी दिल्ली की सत्ता पर काबिज नहीं होने जा रही है. आम आदमी पार्टी खबरों में बने रहने के लिए बेतुके बयान देती रहती है. आप नेताओं के बयान से जाहिर होता है कि वे दिल्ली चुनाव हार रहे हैं. उन्होंने कहा कि जैसे हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने आप को आईना दिखाया था, अब वहीं काम आम आदमी पार्टी दिल्ली में कांग्रेस के साथ कर रही है. आम आदमी पार्टी के कांग्रेस को लेकर दिए बयान से जाहिर होता है कि वे एक-दूसरे को कितना घृणा करते हैं.

 
भाजपा को दिख रहा है मौका

इंडिया गठबंधन में शामिल दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली चुनाव से पहले बढ़ती तल्खी भाजपा के लिए सियासी तौर पर फायदा पहुंचा सकती है. दिल्ली में लगभग तीन दशक से भाजपा सत्ता से दूर है. आम आदमी पार्टी को पिछले दो चुनाव शानदार सफलता मिली है. कांग्रेस के सिमटते जनाधार का फायदा आम आदमी पार्टी को हुआ है. भाजपा का मानना है कि अगर कांग्रेस दिल्ली में मजबूत होगी तो आम आदमी पार्टी को नुकसान होना तय है और इसका फायदा पार्टी को होगा. कांग्रेस इस बार दिल्ली के चुनाव को गंभीरता से ले रही है. पार्टी ने कई दिग्गजों को मैदान में उतारा है. आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं के खिलाफ कांग्रेस ने अनुभवी नेताओं को मैदान में उतारकर अपने मंसूबे जाहिर कर दिए हैं.

कांग्रेस की नजर अपने परंपरागत वोट बैंक दलित और मुस्लिमों पर है. अगर यह वोट बैंक कांग्रेस के पास वापस आता है तो आम आदमी पार्टी को नुकसान होना तय है. कांग्रेस की सियासी मजबूरी है कि वह आम आदमी पार्टी के खिलाफ मजबूती से चुनाव लड़े. कांग्रेस का मानना है कि अगर दिल्ली की सत्ता से आम आदमी पार्टी बेदखल होती है तो पंजाब की सत्ता से आप को हटाना आसान हो जायेगा. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि कांग्रेस की कीमत पर ही आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में मजबूत हुई है. ऐसे में दोनों दलों के बीच तल्खी बढ़ रही है और इससे भाजपा खुश है. भाजपा को इस तल्खी से इंडिया गठबंधन पर हमला करने का भी मौका मिल गया है. 

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