BJP: मणिपुर मामले को कांग्रेस सनसनीखेज बनाने की कर रही है कोशिश

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को लिखे पत्र में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मणिपुर के मौजूदा हालात के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. भाजपा सरकार मणिपुर में शांति बहाली को लेकर प्रतिबद्ध है और हालिया जघन्य घटनाओं की जांच का जिम्मा नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी(एनआईए) को सौंपी गयी है.

By Anjani Kumar Singh | November 22, 2024 4:00 PM

BJP: मणिपुर में जारी हिंसा पर लगाम लगाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र पर भाजपा ने पलटवार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को लिखे पत्र में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मणिपुर के मौजूदा हालात के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. भाजपा सरकार मणिपुर में शांति बहाली को लेकर प्रतिबद्ध है और हालिया जघन्य घटनाओं की जांच का जिम्मा नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी(एनआईए) को सौंपी गयी है. पूर्व की कांग्रेस सरकार ने विदेशी उग्रवादियों की भारत में एंट्री को कानूनी जामा पहनाने का काम किया और मौजूदा समस्या की जड़ यही है.

पत्र में नड्डा ने कांग्रेस नेताओं द्वारा मणिपुर की घटना को सनसनीखेज बनाने की कोशिशों पर हैरानी जाहिर करते हुए लिखा है कि कांग्रेस को यह नहीं भूलना चाहिए की विदेशी उग्रवादियों को भारत आने के लिए कानूनी मान्यता दी. पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम में विदेशी उग्रवादियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया. ये विदेशी उग्रवादी गिरफ्तार होने के डर से अपना देश छोड़ भारत आकर अवैध गतिविधियों को संचालित करते रहे. कांग्रेस सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया और अब यही उग्रवादी उत्तर-पूर्व में शांति के माहौल को बिगाड़ने के काम में जुटे हुए है. लेकिन भाजपा किसी भी कीमत पर शांति भंग नहीं होने देगी.


पिछले 10 साल में उत्तर-पूर्व में हुआ तेजी से विकास

खरगे को लिखे पत्र में नड्डा ने कहा कि विदेशी ताकतें देश के विकास को बाधित करने का प्रयास कर रही है और चिंता की बात है कि कांग्रेस नेता ऐसी ताकतों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. देश के लोग यह जानना चाहते हैं कि सत्ता के हासिल करने के लिए कांग्रेस ऐसी ताकतों का साथ तो नहीं दे रही है? पिछले 10 सालों से मणिपुर में शांति और विकास हो रहा था, लेकिन कुछ विदेशी ताकतें एक बार फिर मणिपुर को दशकों पुरानी अव्यवस्था के दौर में ले जाना चाहती है. उत्तर-पूर्व में शांति बहाली के लिए पिछले 10 साल में 10 ऐतिहासिक समझौते किए गए और कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया गया.

मणिपुर में वर्ष 2013 में बहुआयामी गरीबी से 20 फीसदी लोग जूझ रहे थे, जो अब घटकर 5 फीसदी हो गयी है. कांग्रेस पार्टी इन उपलब्धियों की अनदेखी कर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए घृणित एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. कांग्रेस शासनकाल में मणिपुर में इतिहास की सबसे लंबा खूनी दौर देखा है. 90 के दशक में हजारों लोग मारे गये और लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा. वहीं वर्ष 2011 में मणिपुर में 120 दिनों पर पूरी तरह बंद रहा. वहीं भाजपा सरकार की कोशिश राज्य में कानून-व्यवस्था स्थापित कर स्थिति को सामान्य बनाने पर है. 

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