Explainer: महाराष्ट्र में सियासी संग्राम से 2024 में चुनावी रोटी सेंक सकेगी भाजपा? जानें पूरा गेम प्लान
2024 के दौरान महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा और देश में होने वाले आम चुनाव को लेकर भाजपा ने काफी पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन सांगठनिक तौर पर मई 2023 के पहले हफ्ते से उसका अभियान तेज हो गया है.
नई दिल्ली : भारतीय राजनीति के माहिर खिलाड़ी शरद पवार संकट में फंसे हैं. उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भतीजे अजित पवार और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के बागी हो जाने के बाद टूट गई. इससे पहले, पिछले साल जून के महीने में हिंदूवादी नेता बाला साहेब ठाकरे की पार्टी शिवसेना में बगावत हुई थी और पार्टी टूट गई. 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद से महाराष्ट्र में शुरू हुआ सियासी संग्राम 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दरवाजे तक पहुंच गया है. सियासी हलकों और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच जारी अटकलों की मानें, तो 2024 के चुनाव में जीत हासिल करने के लिए केंद्र में सत्तासीन भाजपा का गेम प्लान का हिस्सा है. इस बीच, सवाल यह भी पैदा होता है कि क्या महाराष्ट्र के सियासी संग्राम से केंद्र में सत्तासीन भाजपा 2024 में चुनावी जीत की रोटी सेंकने में सफल हो पाएगी? क्या इससे भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता के लिए छेड़ी गई मुहिम को कमजोर हो जाएगी?
क्या नेताओं के असंतोष की वजह से टूट रही हैं पार्टियां
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जहां तक महाराष्ट्र के सियासी संग्राम की बात है, तो राजनेताओं की महत्वाकांक्षा और उनके असंतोष की वजह से यहां के क्षेत्रीय दलों में बगावत और टूट हो रही है. चाहे वह शिवसेना हो या एनसीपी, इन दोनों में टूट के पीछे नेताओं का अंसतोष स्पष्ट दिखाई दे रहा है. शिवसेना में एकनाथ शिंदे और एनसीपी में अजित पवार के असंतोष की वजह से बगावत हुई और दोनों पार्टियां टूट गईं. यह बात दीगर है कि भाजपा विरोधी दलों के नेताओं के अंसतोष को लपककर भुना ले रही है और थोड़े से जोड़-तोड़ और प्रयास से उन्हें एनडीए में शामिल कराने ले रही है. इससे वह न केवल खुद को मजबूत कर रही है, बल्कि भाजपा विरोधी पार्टियों को आंतरिक तौर पर कमजोर करने में सफल भी हो रही है.
क्या है भाजपा का गेम प्लान
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के दौरान महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा और देश में होने वाले आम चुनाव को लेकर भाजपा ने काफी पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन सांगठनिक तौर पर मई 2023 के पहले हफ्ते से उसका अभियान तेज हो गया है. रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति के पिछली तीन मई को अपनी महाराष्ट्र इकाई की नई कार्यकारिणी की घोषणा की. इस कार्यकारिणी में करीब 1200 नए सदस्यों को जोड़ा गया, जो मिशन 2024 के तहत शुरू किए अमृत-कुंभ अभियान में शामिल किए गए हैं. इसके अलावा, पार्टी ने जिला स्तर पर भी पदाधिकारियों की नई टीम बनाई है और यह काम उसने 15 मई तक पूरा कर लिया है.
भाजपा-शिवसेना ने पहले ही बना ली थी युती
पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र भाजपा की नई टीम में करीब 1200 सदस्यों को शामिल किया गया, जिसमें केंद्र और राज्य के नेताओं को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है. पार्टी की कार्यकारिणी में 105 पदाधिकारी, 250 विशेष निमंत्रित विधायक, सांसद, और 750 निमंत्रित सदस्यों को शामिल किया है. भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के अनुसार, राज्य की नई कार्यकारिणी के माध्यम से भाजपा 2024 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करेगी. उन्होंने तीन मई को नई कार्यकारिणी बनने के साथ ही कहा था कि भाजपा ने महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा और 200 से अधिक विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य तय किया है और इसके लिए भाजपा-शिवसेना की एक नई युती (गठबंधन) बनाई गई है. अब जबकि एनसीपी से बगावत करके अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने एनडीए के साथ हाथ मिला लिया है, तो भाजपा-शिवसेना की पहले से बनी युती में एनसीपी में अजित पवार वाले गुट को भी शामिल कर लिया गया है.
अनुराग ठाकुर ने दिए संकेत
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश के विकास के लिए कई राजनीतिक दल एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में शामिल होना चाहते हैं. एनसीपी ने इसकी पहल की है. मुझे विश्वास है कि एनसीपी का महाराष्ट्र कैबिनेट में शामिल होने से राज्य के विकास में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए में शामिल होने वाले ये राजनीतिक दल देश के विकास के लिए केंद्र में एक मजबूत और स्थिर सरकार प्रदान करेंगे.
हैसियत और ताकत का दूसरा नाम शरद पवार : लालू
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार शरद पवार की एनसीपी को परेशान करने में सफल नहीं हो पाएगी. उन्होंने कहा कि शरद पवार एक कद्दावर नेता हैं, जो डटे रहने के लिए जाने जाते हैं. उन्हें अस्थिर करने का कोई भी प्रयास असफल साबित होगा. उन्होंने कहा कि शरद पवार एक हैसियत और ताकत हैं. उन्होंने कहा कि पवार एक दिग्गज नेता हैं और उनके पास ताकत अधिक है. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें हिलाने की कोशिश करेंगे तो कुछ नहीं होगा.