पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजों में टीएमसी ने हैट्रिक बनाई तो बीजेपी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनकर उभरी थी. टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सीएम पद की शपथ ली. इसके बाद से दोनों दलों के बीच सियासी महाभारत थमने का नाम नहीं रहा है.
बीजेपी हर मौके पर ममता बनर्जी सरकार को घेरने में जुटी रहती है. अब बीजेपी ने ऐलान किया है कि पार्टी शहीदों के द्वार जाएगी. मोदी मंत्रिमंडल में शामिल पश्चिम बंगाल के चार नए केंद्रीय मंत्रियों को शहीदों (बंगाल में राजनीतिक हिंसा में मारे गए बीजेपी के कार्यकर्ता और समर्थक) के घर जाने का निर्देश मिला है. इसका ऐलान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को बीजेपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया. इससे बंगाल में टेंशन बढ़ने के आसार हैं.
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी बंगाल प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने ऐलान किया कि मोदी सरकार में शामिल बंगाल के चार नए मंत्री (डॉ. सुभाष सरकार, शातंनु ठाकुर, जॉन बारला और नीशीथ प्रमाणिक) अपने-अपने इलाके में शहीद सम्मान यात्रा निकालेंगे. इस दौरान सारे मंत्रियों को शहीदों के घरों में जाने का निर्देश दिया गया है. वो बंगाल हिंसा में जान गंवाने वाले बीजेपी के कार्यकर्ताओं के परिवारों से भी मुलाकात करेंगे. उन तक केंद्र की योजनाओं को पहुचाएंगे. इसके अलावा खुद प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और प्रदेश महासचिव संजय सिंह भी यात्रा का अहम हिस्सा होंगे.
बीजेपी ने 16 अगस्त से शहीद सम्मान यात्रा शुरू करने की बात कही थी. यह यात्रा तीन दिनों तक चलेगी. इस दौरान मोदी मंत्रिमंडल में शामिल चारों मंत्रियों को अपने-अपने इलाके में शहीदों से मुलाकात करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिलीप घोष ने ममता सरकार पर आरोप मढ़ा कि शहीद सम्मान यात्रा को आयोजित करने में राज्य सरकार बाधा डाल रही है.
दिलीप घोष ने जिक्र किया कि बंगाल में 180 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है. इसी को ध्यान में रखकर पार्टी ने शहीद सम्मान यात्रा निकालने का ऐलान किया है. राज्य सरकार शहीद सम्मान यात्रा को कुचलने की कोशिश कर रही है. अगर बंगाल की वर्तमान राजनीति को देखें तो जिस तरह से टीएमसी और बीजेपी में तनातनी बढ़ी है. इससे दोनों दलों में तनाव बढ़ सकता है. ऐसा पश्चिम बंगाल चुनाव के पहले, प्रचार के दौरान और रिजल्ट निकलने के बाद देखा जा चुका है.