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कर्नाटक में धर्मांतरण रोधी कानून हटाने से बौखलायी बीजेपी, कांग्रेस को बताया नयी मुस्लिम लीग

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा कि कर्नाटक में धर्मांतरण माफिया ने यह सुनिश्चित किया है कि भाजपा सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को हिंदू विरोधी कांग्रेस निरस्त कर दे. रवि ने आरोप लगाया, कांग्रेस नयी मुस्लिम लीग है और यह हिंदुओं को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी.

By ArbindKumar Mishra | June 15, 2023 9:34 PM

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य से धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त कर दिया है. इस कानून की पूर्व की बीजेपी सरकार द्वारा लाया गया था. इधर कानून निरस्त किये जाने पर बीजेपी ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

बीजेपी ने कांग्रेस को बताया, नयी मुस्लिम लीग

धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त से बौखलायी बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और मल्लिकार्जुन खरगे नीत कांग्रेस को नयी मुस्लिम लीग करार दिया. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीआर पाटिल ने ट्विटर पर सवाल किया, राहुल गांधी, क्या यह मोहब्बत की दुकान है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का हिंदू विरोधी एजेंडा सामने आ गया है. उन्होंने कहा, क्या आप चाहते हैं कि हिंदुओं का सफाया हो जाए? धर्मांतरण माफिया ने सिद्धारमैया और उनके मंत्रिमंडल को भाजपा द्वारा पेश धर्मांतरण विरोधी कानून को वापस लेने के लिए प्रभावित किया है.

कांग्रेस हिंदुओं को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा कि कर्नाटक में धर्मांतरण माफिया ने यह सुनिश्चित किया है कि भाजपा सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को हिंदू विरोधी कांग्रेस निरस्त कर दे. रवि ने आरोप लगाया, कांग्रेस नयी मुस्लिम लीग है और यह हिंदुओं को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी.

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धर्मांतरण रोधी कानून 2022 में हुआ था लागू

कानून और संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर चर्चा की. हमने 2022 में तत्कालीन (भाजपा) सरकार द्वारा किए गए परिवर्तनों को रद्द करने के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है. इसे तीन जुलाई से शुरू होने वाले सत्र में पेश किया जाएगा. कांग्रेस के विरोध के बीच ‘कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण कानून (धर्मांतरण रोधी कानून)’ 2022 में लागू हुआ था. मौजूदा अधिनियम में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा के साथ ही बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या धोखाधड़ी से धर्मांतरण पर रोक का प्रावधान है.

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