केरल में ईसाई समुदाय को रिझाने में जुटी बीजेपी, विशु के मौके पर अल्पसंख्यों के साथ किया ब्रेकफास्ट
पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल के भाजपा मामलों के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने यहां पार्टी के जिलाध्यक्ष वी वी राजेश के घर पर जलपान पर आयोजित एक बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने प्रभावशाली ईसाई समुदाय के दो पादरियों को शॉल भेंट किया और उनके साथ जलपान ग्रहण किया.
केरल में ईसाइ समुदाय को रिझाने में भारतीय जनता पार्टी जुट गयी है. ईस्टर डे पर ईसाइयों के घरों पर ‘स्नेह यात्रा’ करने के बाद केरल में भाजपा नेताओं ने विशु के मौके पर ईसाई समुदाय लोगों के लिए जलपान की मेजबानी की.
प्रकाश जावडेकर ने जिलाध्यक्ष वी वी राजेश के घर पर किया जलपान
पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल के भाजपा मामलों के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने यहां पार्टी के जिलाध्यक्ष वी वी राजेश के घर पर जलपान पर आयोजित एक बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने प्रभावशाली ईसाई समुदाय के दो पादरियों को शॉल भेंट किया और उनके साथ जलपान ग्रहण किया. सूत्रों ने बताया कि भाजपा के स्थानीय नेतृत्व की पहल पर अन्य जिलों में भी इस तरह के जलपान कार्यक्रम आयोजित किये गये.
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में बीजेपी
इस कदम को 2024 के आम चुनाव से पहले ईसाइयों को रिझाने के प्रयास के तहत उनके साथ नजदीकी कायम करने की भाजपा की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
जावडेकर बोले- ‘जीओ ओर जीने दो’
जावडेकर ने बाद मे कहा कि भारत विविधता से भरी भूमि है और देश का मूलमंत्र ‘जीओ ओर जीने दो’ है. उन्होंने कहा, धरती पर, यह कुछ उन देशों में एक है जहां सभी लोग एवं धर्म रहते हैं और मिलकर उत्सव मनाते हैं. आज विशु है इसलिए हम सभी यहां हैं.
केरल में हर्षोल्लास से मनाया गया मलयालम नववर्ष ‘विशु’
केरल में शनिवार को लोगों ने समृद्धि और खुशहाली से भरे आगामी दिनों की कामना करते हुए हर्षोल्लास के साथ मलयालम नववर्ष ‘विशु’ मनाया. विशु फसल कटाई के पर्व के रूप में मनाया जाता है और यह मलयालम महीने ‘मेडम’ के पहले दिन पड़ता है. हिंदू परिवारों में दिन की शुरुआत सुबह जल्दी उठने और विशुक्कनी देखने के साथ होती है. यह ऐसा रिवाज है जिसके तहत तांबे के बर्तनों में चीजों को सजाकर रख दिया जाता है क्योंकि उसे आशा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और सुबह -सुबह उसका दर्शन किया जाता है. भगवान के सामने पीतल के बर्तन में मौसमी फल के अलावा सब्जियां, फूल, चावल, स्वर्णाभूषण, कपड़े, सिक्के और धर्मग्रंथ सजाकर रख दिये जाते हैं और विशु के दिन सुबह उठने पर लोग सबसे पहले उसका दर्शन करते हैं.