किसान आंदोलन की वापसी पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का बड़ा बयान
किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन की वापसी पर बड़ा बयान दिया है. हालांकि, टिकैत ने कहा है कि किसानों का आंदोलन अभी कहीं नहीं जा रहा. 8 दिसंबर की बैठक में कोई अंतिम फैसला होगा.
नयी दिल्ली: कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन खड़ा करने वाले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता और प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन की वापसी पर बड़ा बयान दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को किसान आंदोलन के समापन के संकेत दिये. इसके बाद राकेश टिकैत हिंदी न्यूज चैनल आज तक पर आये और उन्होंने इस आंदोलन को खत्म करने पर बड़ी बात कही.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने कहा है कि अगर किसान अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे, तो सरकार उनकी मांगें मान लेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो प्रस्ताव आये हैं, उसमें कुछ चीजें अस्पष्ट है. किसान उन मुद्दों पर स्पष्टीकरण चाहते हैं. इसलिए बुधवार को दिन में 2 बजे फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी, उसमें आंदोलन को समाप्त करने पर अंतिम फैसला लिया जायेगा.
…SKM has said it today (that protest is likely to be withdrawn after tomorrow's meeting), Govt has been saying so for a year…but no one is going home until everything is resolved: BKU leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/MMWLqNDh3L
— ANI (@ANI) December 7, 2021
राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा. हम यहीं हैं. हमने अपनी मांगें सरकार के समक्ष रखी हैं और सरकार को उन पर फैसला लेना है. इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि केंद्र सरकार के साथ अगर उनकी मांगों पर सहमति बन जाती है, तो वे अपना आंदोलन वापस ले लेंगे.
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इस बारे में जब बीकेयू के नेता राकेश टिकैत से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने ये बात कही है कि सरकार के साथ सहमति बन गयी, तो आंदोलन वापस ले लिया जायेगा. किसान अपने-अपने घरों को चले जायेंगे. लेकिन, अभी कोई अपने घर नहीं जा रहा. जब तक सभी मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, तब तक कोई भी अपने घर नहीं जा रहा.
हालांकि, श्री टिकैत ने उम्मीद जतायी कि सरकार ने जिस तरह से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया, उसी तरह से किसानों की मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी. सरकार अगर किसानों की मांगें मान लेती है, तो किसान भी आंदोलन खत्म कर देंगे. कोई नहीं चाहता कि वह सड़क पर आंदोलन करता रहे. किसानों के भी काम हैं.
Posted By: Mithilesh Jha