देश में एक तरफ कोरोना संक्रमण का खतरा है तो दूसरी तरफ ब्लैक फंगस के नये वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है. हरियाणा में ब्लैक फंगस के दो अलग- अलग तरह के मामले सामने आये हैं. हिसार के अग्रोहा स्थित महाराज अग्रेसन मेडिकल कालेज में इन दो अलग- अलग ब्लैक फंगस के वेरिएंट का पता चला है.
असपरजिलोसिस और न्यूकोरमाइकोसिस के यह दो अलग वेरिएंट है जिनमें से असपरजिलोसिस के कई मामले महाराष्ट्र में सामने आ चुके हैं और अब हरियाणा में भी इससे जुड़े मामले सामने आ रहे हैं.
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इन दोनों वेरिएंट की अलग- अलग खासियत है असपरजिलोसिस फंगस धीमा होता है लेकिन काफी खतरनाक है. न्यूकोरमाइकोसिस की तरह यह भी दिमाग पर असर करता है. असपरजिलोसिस में साधारण दवा जो फंगस के लिए इस्तेमाल होती है उसका असर कम होता है.
इसमें अलग तरह की दवा और इंजेक्शन का इस्तेमाल होता है क्योंकि इसकी स्वभाव अलग है. अबतक देश में जितने भी फंगस के मामले सामने आये थे उसे न्यूकोरमाइकोसिस समझ कर ही उसी तरह से दवा और इंजेक्शन दिये जा रहे थे लेकिन अब इसकी पहचान सामने आने के बाद दवा बदली गयी है इसके उपचार का तरीका भी बदल दिया गया है.
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इस तरह के फंगस के दिमाग में पहुंचने से खतरा बढ़ जाता है. यह हमारी नाक के रिये साइनिस को ब्लॉक कर देता है. जहां यह असर करता है उस जगह का काला कर देता है. इसमें नाक बंद हो जोना, नाक से खून आना जैसे शुरुआती लक्षण हैं. फिर इसका असर आंख पर दिखता है जिसके बाद वह दिमाग तक पहुंच जाता है.