खालिस्तान समर्थक कंटेंट प्रसारित करने वाले 6 यूट्यूब चैनल ब्लॉक, पंजाब में फैलाना चाहते थे हिंसा

केंद्र सरकार के अनुरोध के 48 घंटों के अंदर कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने वाले इन यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर दिया गया. सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने बताया कि विदेशों से संचालित किये जा रहे छह से आठ यूट्यूब चैनल पिछले 10 दिनों में ब्लॉक किये गये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2023 8:11 PM

केन्द्र सरकार ने खालिस्तान समर्थक कंटेंट प्रसारित करने वाले 6 यू ट्यूब चैनलों पर शिकंजा कसा है. मोदी सरकार ने इन चैनलों के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें ब्लॉक कर दिया है. पीटीआई के हवाले से खबर है कि केन्द्र सरकार ने यूट्यूब पर खालिस्तानी समर्थक कंटेंट प्रसारित करने वाले 6 चैनलों को ब्लॉक कर दिया है.

खालिस्तान समर्थक भावनाओं को दे रहे थे बढ़ावा: केंद्र सरकार के अनुरोध के 48 घंटों के अंदर कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने वाले इन यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर दिया गया. सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने बताया कि विदेशों से संचालित किये जा रहे छह से आठ यूट्यूब चैनल पिछले 10 दिनों में ब्लॉक किये गये हैं. चंद्रा ने कहा कि ये चैनल पंजाबी भाषा में अपने कंटेंट परोसते थे. सीमावर्ती राज्य में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे थे.

खालिस्तान समर्थक संगठन ने किया था थाने पर हमला: बता दें, हाल ही में खालिस्तान समर्थक एक संगठन वारिस पंजाब दे के जत्थेदार अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने पंजाब के अजनाला में एक पुलिस थाने पर हमला किया था. समर्थकों ने थाने में जमकर उत्पात मचाया था.  बता दें, सभी समर्थक हथियारों से लैस थे और वे अपने एक साथी की रिहाई की मांग कर रहे थे.

कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल करने की अपील: इस मामले में एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने यूट्यूब से कहा है कि वो भारत विरोधी कंटेंट को हटाने और ऐसे कंटेंट को प्रसारित करने वाले चैनलों पर भी कार्रवाई करें. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चैनल को ‘ब्लॉक’ करने के संबंध में सरकार के अनुरोध पर यूट्यूब 48 घंटों के अंदर कार्रवाई कर रहा है.

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उन्होंने बताया कि सरकार ने यूट्यूब से आपत्तिजनक सामग्री की स्वत: पहचान करने और इसे ‘ब्लॉक’ करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और गणितीय पद्धति का उपयोग करने का आग्रह किया है. हालांकि, भारतीय संदर्भ में यूट्यूब समस्याओं का सामना कर रहा है क्योंकि सामग्री क्षेत्रीय भाषाओं में ‘अपलोड’ की जा रही है और सामग्री की जांच करने के लिए लगाई गई प्रणाली अंग्रेजी भाषा पर आधारित है.

भाषा इनपुट से साभार

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