श्रम कानून में बदलाव के योगी-शिवराज के फैसले पर RSS के संगठन ने जताई नाराजगी

यूपी, गुजरात और एमपी सरकार द्वारा संशोधित किए गये लेबर कानून के विरोध में अब आरएसएस का संगठन उतर आया है. आरएसएस के संगठन BMS ने लेबर कानून के संशोधन का विरोध करते हुए इसे मजदूरों के खिलाफ बताया है. संघ ने कहा है कि सरकार इस दमनपूर्ण नीति को वापस ले.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2020 11:38 AM

नयी दिल्ली : यूपी, गुजरात और एमपी सरकार द्वारा संशोधित किए गये लेबर कानून के विरोध में अब आरएसएस का संगठन उतर आया है. आरएसएस के BMS संगठन ने लेबर कानून के संशोधन का विरोध करते हुए इसे मजदूरों के खिलाफ बताया है. संघ ने कहा है कि सरकार इस दमनपूर्ण नीति को वापस ले.

सीएनबीसी टीवी के रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने तीनों बीजेपी शासित राज्यों द्वारा बदले गये इस कानून पर अपना विरोध जताया है. विरोध में मजदूर संचरण ने कहा है कि यह मजदूरों के लिए शोषण की नीति है. बीएमसी के प्रवक्ता बृजेश उपाध्याय ने कहा कि यह अंतराष्ट्रीय अधिकारों का उल्लघंन है. सरकार को तुरंत इसको वापस लेना चाहिए.

गुजरात और एमपी में नया कानून- यूपी के बाद गुजरात और मध्य प्रदेश में भी नया श्रम कानून आया है. गुजरात में नये निर्माण कार्य में श्रम कानूनों में छूट मिलने की बात कही गयी है, जबकि एमपी में भी श्रम कानून में ढील दिया गया है.

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प्रियंका ने योगी सरकार पर बोला हमला- कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर हमला बोला है. प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, यूपी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए बदलावों को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए. आप मजदूरों की मदद करने के लिए तैयार नहीं हो. आप उनके परिवार को कोई सुरक्षा कवच नहीं दे रहे. अब आप उनके अधिकारों को कुचलने के लिए कानून बना रहे हो. मजदूर देश निर्माता हैं, आपके बंधक नहीं हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने श्रम अधिनियम में 3 साल तक की छूट दी है. सरकार ने 7 मई को घोषणा की कि सभी उद्योगों को अगले तीन वर्षों के लिए लगभग सभी श्रम कानूनों से छूट दी जाएगी. यह छूट अस्थाई होगी. अस्थाई छूट के लिए अध्यादेश 2020 के मसौदे को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार ने बताया कि यह फैसला कोरोनावायरस के कारण लिया गया है

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