बंबई हाईकोर्ट ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई करते हुए कहा कि वे समीर वानखेड़े के परिवार के बारे में ट्वीट करने से महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को नहीं रोक सकते हैं.
कोर्ट ने कहा कि नवाब मलिक को ट्वीट करने से रोकना उचित नहीं होगा क्योंकि नवाब मलिक और ज्ञानदेव वानखेड़े के मौलिक अधिकारों में संतुलन होना जरूरी है.
Bombay High Court refuses to restrain Maharashtra Minister Nawab Malik from publishing tweets about the family of NCB officer Sameer Wankhede in a defamation suit filed by Wankhede's father Dnyandev; says necessary to balance fundamental rights of Malik & Dnyandev pic.twitter.com/lyzkvaFGpi
— ANI (@ANI) November 22, 2021
हालांकि बंबई हाई कोर्ट ने यह कहा कि एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े, उनके पिता ज्ञानदेव वानखेड़े और उनके परिवार के बारे में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को कुछ भी पोस्ट करने से पहले तथ्यों की जानकारी कर लेनी चाहिए.
गौरतलब है कि मुंबई क्रूज पार्टी मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद से महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक समीर वानखेड़े के खिलाफ हमलावर हैं. नवाब मलिक का यह आरोप है कि समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने इस्लाम स्वीकार कर लिया था. समीर वानखेड़े जन्म से मुसलमान हैं, लेकिन उन्होंने आरक्षण का लाभ लेने के लिए गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनाया है.
नवाब मलिक का यह आरोप भी है कि समीर वानखेड़े का परिवार एक बार और रेस्तरां भी चलाता है जिसका लाइसेंस समीर वानखेड़े के नाम पर है. समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने नवाब मलिक के आरोपों के खिलाफ बंबई हाईकोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज कराया है जिसपर सुनवाई चल रही है.
Posted By : Rajneesh Anand