एक विवाहित महिला से प्रेम प्रदर्शन करने के लिए उसपर ‘लवचिट’ फेंकना उसका अपमान करना है. बंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने यह व्यवस्था एक मामले की सुनवाई करते हुए दी. मामला अकोला का है जहां 2011 में ऐसी घटना हुई थी. कोर्ट ने कहा क शील एक महिला का सबसे कीमती गहना है, और उसे भंग करने का किसी को अधिकार नहीं है.
हिंदुस्तान टाइम्स ने पीटीआई के हवाले से यह खबर दी है कि शिकायतकर्ता एक 45 साल की महिला है, जिसने एक व्यक्ति पर आरोप लगाया है कि उसने महिला पर चिट फेंका. चिटफेंकने वाले व्यक्ति ने अत्यंत शुद्ध भाषा में कविता के रूप में अपने प्रेम का प्रदर्शन किया था. कोर्ट ने कहा कि यह हरकत महिला के लिए अपमानजनक है.
घटना एक एक दुकान के मालिक और शिकायतकर्ता महिला के बीच की है. तीन अक्टूबर 2011 को दुकानदार श्रीकृष्ण तिवारी ने उक्त महिला के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित करते हुए उसे लवचिट देना चाहा, जब वह बरतन मांज रही थी. लेकिन महिला ने चिट लेने से मना कर दिया. तब दुकानदार ने महिला के ऊपर लवचिट फेंक दिया और उसे आईलव यू भी कहा. अगले दिन उसने महिला को देखकर अश्लील इशारे किये और उसे चेतावनी दी कि वह लवचिट के बारे में किसी से कुछ ना कहे.
महिला की शिकायत पर दुकानदार के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 354, 506 और 509 के आधार पर केस दर्ज किया गया है. 2018 में, सत्र अदालत ने दुकानदार को आईपीसी की धारा 354, 509 और 506 के तहत दोषी ठहराया और दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. श्रीकृष्ण तिवारी पर जुर्माना भी लगाया गया था जिसका भुगतान उन्हें महिला को मुआवजे के रूप में करना था. सत्र अदालत के इस फैसले के खिलाफ श्रीकृष्ण तिवारी ने हाईकोर्ट में अपील की है.
Posted By : Rajneesh Anand