मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख की मुश्किलें धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने रविवार को देशमुख को आगामी 12 नवंबर तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के आदेश को रद्द कर दिया.
जस्टिस माधव जामदार की अवकाशकालीन पीठ ईडी की अर्जी पर सुनवाई कर रही है, जिसमें देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के विशेष अदालत के छह नवंबर को दिए आदेश को चुनौती दी गई है. देशमुख के वकील विक्रम चौधरी और अनिकेत निकम ने अदालत को बताया कि वे याचिका के तथ्यों और इसके गुण-दोष के आधार पर उसका विरोध कर रहे हैं.
वकीलों ने कहा कि एनसीपी के नेता ईडी की पूछताछ में सहयोग कर रहे हैं. इसके बाद अदालत ने देशमुख को 12 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. ईडी ने करोड़ों रुपये के धन शोधन मामले में 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद एक नवंबर को देशमुख को गिरफ्तार कर लिया था.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, अनिल देशमुख को बीते 2 नवंबर को अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था. जब उन्हें शनिवार को विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया था, तो ईडी ने हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
ईडी ने भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों पर इस साल के 21 अप्रैल को एनसीपी नेता अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए केस के बाद देशमुख और उनके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी. ईडी ने पहले देशमुख के निजी सचिव के तौर पर काम कर रहे अतिरिक्त जिलाधीश पद के अधिकारी संजीव पलांडे और देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार
किया था.