रायसीना डायलॉग 2023 में रिलायंस फाउंडेशन की ‘माइक्रो मैटर्स’ लॉन्च, जमीनी स्तर पर डेटा कैसे डालता है प्रभाव?
पुस्तक का परिचय देते हुए रिलायंस फाउंडेशन के सीईओ जगन्नाथ कुमार ने कहा कि इसमें जिन मामलों का वर्णन किया गया है, वे डी4डी दृष्टिकोण के उदाहरण हैं, जो जी-20 में भारत की अध्यक्षता की एक प्रमुख प्राथमिकता है.
नई दिल्ली : रायसीना डायलॉग 2023 में शुक्रवार को ‘डेटा जमीन स्तर पर सामाजिक प्रभाव कैसे डालते हैं’ विषय पर पुस्तक ‘माइक्रो मैटर्स : चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में विकास के लिए डेटा यूज’ का लोकार्पण किया गया. रिलायंस फाउंडेशन और ओआरएफ की ओर से तीसरी शृंखला में इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया है. माइक्रो मैटर्स भारत में संगठनों की ओर से आठ हस्तक्षेपों की पड़ताल करती है, जो डेटा एकत्र करके देश के डी4डी (डेटा फॉर डेवलपमेंट) एजेंडे को आगे बढ़ा रही है.
पुस्तक का परिचय देते हुए रिलायंस फाउंडेशन के सीईओ जगन्नाथ कुमार ने कहा कि इसमें जिन मामलों का वर्णन किया गया है, वे डी4डी दृष्टिकोण के उदाहरण हैं, जो जी-20 में भारत की अध्यक्षता की एक प्रमुख प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि माइक्रो मैटर्स यह दिखाता है कि कैसे भारत में संगठन स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आपदा तैयारी, महिला सशक्तीकरण और कृषि में सतत विकास को चलाने के लिए डेटा का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि कई लोगों द्वारा भारत को जी-20 के भीतर और बाहर ग्लोबल साउथ के हितों का प्रतिनिधित्व करने के रूप में मान्यता प्राप्त होने के साथ ही डी4डी के सिद्धांतों को वैश्विक विकास एजेंडे में एकीकृत करने के लिए अब से बेहतर समय नहीं है.
डी4डी पर विकसित संवाद की महत्वपूर्ण आवाज
वहीं, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के अध्यक्ष समीर सरन ने कहा कि वैश्विक डिजिटल पावर हाउस के रूप में भारत की स्थिति इसे डी4डी पर विकसित होने वाले संवाद में एक महत्वपूर्ण आवाज बनाती है. उन्होंने कहा कि भारत ने अपने जी-20 अध्यक्ष की दौड़ में संभावित रूप से गेम चेंज करने वाले डेटा पहलों की एक सीरीज शुरू की, जिसमें डेटासेट को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराना, डेटा गोपनीयता और सुरक्षा उपायो को मजबूत करना और डेटा के साथ जुड़ने के लिए उभरती तकनीक का उपयोग करना शामिल है.
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माइक्रो मैटर्स के विषय
रायसीना डायलॉग 2023 में लोकार्पित की गई पुस्तक माइक्रो मैटर्स के अनुसार, आठ डी4डी से संबंधित विषयों में लीगेसी डेटासेट और ज्ञान के उपयोग के साथ तकनीक आधारित डेटा संग्रह को मिलाना, निर्णयकर्ताओं को वास्तविक समय के डेटा और रुझानों को संप्रेषित करने के लिए डैशबोर्ड का उपयोग करना, डेटा एकत्र करने और और उसका विश्लेषण करने के लिए उभरती तकनीकों के उपयोग को अनुकूलित करना और डी4डी हस्तक्षेपों के डिजाइन में सहायक सेवाएं शामिल है.