Booster Dose Gap: वैक्सीनेशन पर एनटीएजीआई (NTAGI) 6 से 12 साल के बच्चों में कोवैक्सीन और कोर्बेवैक्स वैक्सीन से जुड़े आंकड़ों की समीक्षा करने के लिए गुरुवार को एक बैठक करेगा. इस दौरान एनटीएजीआई दूसरी और सतर्कता डोज के बीच के अंतराल को मौजूदा 9 महीने से घटाकर 6 माह करने पर भी विचार-विमर्श करेगा.
एनटीएजीआई की यह बैठक भारत में कोरोना संक्रमण के मामले में हालिया वृद्धि के बीच हो रही है. भारत में फिलहाल 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लगाए जा रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनटीएजीआई की स्थायी तकनीकी उप-समिति (STSC) की बैठक के एजेंडे में एहतियाती खुराक के रूप में प्राथमिक टीकाकरण में इस्तेमाल टीके से अलग वैक्सीन लगाने की व्यवहार्यता से संबंधित सीएमसी वेल्लोर के एक अध्ययन के अलावा बच्चों की आबादी में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और लंबी अवधि में जाइकोव-डी वैक्सीन की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा शामिल है.
मई में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC) वेल्लोर के अध्ययन के निष्कर्षों की समीक्षा करने वाले एनटीएजीआई के कोविड कार्य समूह ने एहतियाती खुराक में टीकों के मिश्रण के दौरान परिणामों में एकरूपता नहीं पाई थी. अध्ययन में कहा गया था कि वैज्ञानिक प्रमाणों से पता चला है कि प्राथमिक टीकाकरण में कोवैक्सीन के इस्तेमाल के 6 महीने बाद बूस्टर खुराक के रूप में कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड लगाने से लाभार्थियों में एंटीबॉडी का स्तर छह से 10 गुना तक अधिक हो जाता है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि हालांकि, कोविशील्ड की दो प्रारंभिक खुराक देने के बाद बूस्टर डोज के रूप में कोवैक्सीन लगाने पर समान फायदा देखने को नहीं मिला. योजना संबंधी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि इस मामले में अंतिम सिफारिश के लिए एनटीएजीआई की एसटीएससी बैठक में चर्चा की जाएगी. साथ ही समिति ने मई में हुई अपनी बैठक में प्राथमिक टीकाकरण की अंतिम खुराक और एहतियाती खुराक के बीच के अंतराल को कम करने के स्पष्ट फायदे होने के प्रमाण न मिलने की बात कही थी.
समिति ने महसूस किया कि बैठक के लिए पेश किए गए अध्ययनों में बहुमूल्य वैज्ञानिक जानकारी तो मौजूद थी. लेकिन, यह नीति निर्धारण के संबंध में निर्णय लेने में सहायक नहीं थी. इसके बाद भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद (ICMR) से राष्ट्रीय वैक्सीन ट्रैकर प्लेटफॉर्म से डेटा निकालने के लिए कहा गया था, ताकि ओमिक्रोन लहर की शुरुआत से पहले प्राथमिक टीकाकरण के 3, 6 और 9 महीने की अवधि के बाद संक्रमण दर का अंदाजा लगाया जा सके. यह बताया गया कि छह महीने और नौ महीने में प्रशासित एहतियाती खुराक की तुलनात्मक प्रभावशीलता पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है.
मौजूदा समय में देश में 18 साल से अधिक उम्र के वे सभी लोग एहतियाती खुराक लेने के लिए पात्र हैं, जिन्हें दूसरी खुराक हासिल किए हुए 9 महीने पूरे हो चुके हैं. केंद्र सरकार ने पिछले महीने विदेश यात्रा करने वाले नागरिकों और छात्रों को गंतव्य देश के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्धारित नौ महीने की प्रतीक्षा अवधि से पहले ही एहतियाती खुराक लेने की अनुमति दे दी थी.
Prabhat Khabar App: देश-दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, क्रिकेट की ताजा खबरे पढे यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए प्रभात खबर ऐप.
FOLLOW US ON SOCIAL MEDIA
Facebook
Twitter
Instagram
YOUTUBE