Booster Dose: कोविड वैक्सीनेशन पर गठित सरकारी समिति ने कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को बूस्टर डोज या तीसरी खुराक के तौर पर बायोलॉजिकल ई द्वारा विकसित कॉर्बेवैक्स वैक्सीन देने की सिफारिश की है. सिफारिश में कहा गया है कि 18 साल से अधिक उम्र की आबादी जिसने पहली और दूसरी खुराक के तौर पर कोवैक्सीन या कोविशील्ड टीका लिया है और 6 महीने की अवधि पूरी हो गई है, उन्हें कॉर्बेवैक्स तीसरी या एहतियाती खुराक के तौर पर देने पर विचार किया जा सकता है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मंगलवार को बताया कि अगर सरकार इस सिफारिश को मंजूरी दे देती है तो देश में पहली बार होगा जब प्राथमिक टीकाकरण के दौरान जो टीका लिया गया है, उससे इतर एहतियाती खुराक दी जाएगी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वैक्सीनेश पर एनटीएजीआई (NTAGI) के कोविड-19 कार्य समूह (CWG) ने 20 जुलाई को हुई 48वीं बैठक में यह सिफारिश की.
भारत की पहली स्वदेशी आरबीटी प्रोटीन सबयूनिट टीका कॉर्बेवैक्स का इस्तेमाल इस समय देश में 12 से 14 साल उम्र के बच्चों के टीकाकरण में किया जा रहा है. कोविड-19 कार्य समूह ने 20 जुलाई की बैठक में तीसरे चरण के आंकड़ों की समीक्षा की. इसमें 18 से 80 साल उम्र के कोविड-19 निगेटिव ऐसे लोगों को जिन्होंने पहली दो खुराक कोविशील्ड या कोवैक्सीन की ली थी कॉर्बेवैक्स टीका तीसरी खुराक के तौर पर दिए जाने के बाद उनके प्रतिरोधक क्षमता पर होने वाले असर का आकलन किया गया था.
सूत्रों के अनुसार, आंकड़ों का परीक्षण करने के बाद सीडब्ल्यूजी ने पाया कि पहली और दूसरी खुराक के तौर पर कोवैक्सीन या कोविशील्ड लेने वालों को कॉर्बेवैक्स तीसरी खुराक के तौर पर दिया जा सकता है, जो उल्लेखनीय स्तर पर एंटीबॉडी पैदा करता है और तटस्थ आंकड़ों के मुताबिक संभवत: रक्षात्मक भी है. गौरतलब है कि जीसीजीआई ने 4 जून को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स को 18 या इससे अधिक उम्र के लोगों को लगाने की अनुमति दी थी. मौजूदा समय में पहली और दूसरी खुराक के तौर पर जिस कोविड-19 टीके को लिया गया था, उसी टीके की तीसरी खुराक दी जा रही है.