कर्नाटक और महाराष्ट्र सीमा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच कर्नाटक ने दो टूक कह दी है कि वह महाराष्ट्र को एक इंच भी जमीन नहीं देगा. इसको लेकर विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने की तैयारी की जा रही है.
कर्नाटक विधानसभा के दोनों सदन में प्रस्ताव पारित करने की तैयारी
कर्नाटक विधानसभा के दोनों सदन महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद पर एक प्रस्ताव पारित करेंगे. विधानमंडल ने राज्य के रुख को दोहराया कि यह मुद्दा सुलझा हुआ है, और पड़ोसी राज्य को एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधानसभा में कह दी बड़ी बात
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को विधानसभा में सीमा विवाद पर एक बहस के दौरान स्वयं राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित करने का सुझाव दिया और इस रुख को दोहराया. बोम्मई ने कहा, यदि सबकी सहमति हो तो हम सीमा मुद्दे पर बहस पर सरकार का जवाब देते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्य के रुख को दोहराते हुए एक प्रस्ताव पारित करेंगे. हम ऐसे कई प्रस्ताव पहले ही पारित कर चुके हैं, हम इसे दोहराएंगे.
सीमा विवाद पर बसवराज बोम्मई को विपक्ष का भी मिला साथ
विपक्ष के नेता सिद्धरमैया सहित सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की. सिद्धरमैया ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि किसी विवाद का कोई सवाल ही नहीं है, और सीमा का मुद्दा पहले ही महाजन आयोग की रिपोर्ट के साथ सुलझा लिया गया है.
क्या है कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद
गौरतलब है कि भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किए जाने के बाद 1957 से महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद का मुद्दा बरकरार है. महाराष्ट्र बेलगावी पर दावा करता है, जो तत्कालीन ‘बॉम्बे प्रेसीडेंसी’ का हिस्सा था, क्योंकि यहां मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा है. महाराष्ट्र 814 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा करता है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं.